जयपुर: श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने कहा कि करणी सेना उन लोगों का कडा विरोध करती है, जो लोग पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित होकर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेडछाड करते हैं। उन्होंने कहा कि जब ‘‘बाहुबली’’ जैसी फिल्म ‘क्षत्रियों’ का शौर्य दिखाकर करोडों रूपये कमा सकती है तो लोगो को गलत तथ्यों पर आधारित फिल्म दिखाने की क्या जरूरत है। मकराना ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पद्मावती जैसी फिल्म के पीछ वो कौन लोग है, जो अपना धन ऐसी फिल्म में निवेश कर रहे है।
उन्होंने कहा कि उनका समाज हिंसा का समर्थन नहीं करता। हम लोग जयपुर में फिल्म की शूटिंग से पहले संजय लीला भंसाली प्रोडेक्शन के साथ हुए समझौते के अनुसार किये गये वायदे को पूरा करने के लिये शांतिपूर्ण तरीके से इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनवरी 2017 में संजय लीला भंसाली प्रोडेक्शन ने आश्वासन दिया था कि फिल्म के प्रमोशन और परदे पर उतारने से पूर्व फिल्म को बुद्धिजीवियों और इतिहासकारों के विशेषज्ञ पैनल को दिखाई जायेगी। पिछले एक महीने से अधिक समय से फिल्म के परदे पर नहीं उतारने का विरोध चल रहा है लेकिन प्रोडेक्शन दल अपना वायदा निभाने में असफल रहा है। यदि फिल्म में वास्तविक इतिहास दिखाये जाये तो हम फिल्म का स्वागत करेंगे।
उन्होंने कहा कि फिल्म को केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की स्वीकृति मिलने से पूर्व विशेषज्ञों को दिखाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की स्वीकृति मिलने से पूर्व फिल्म को विशेषज्ञों को नहीं दिखाई जा सकती है।
मकराना से कहा कि जो भाजपा नेता पद्मावती फिल्म के विरोध का समर्थन कर रहें है उन्हें बयानबाजी की बजाय फिल्म पर प्रतिबंध लगाये जाने का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कानून व्यवस्था बनायी रखनी है तो फिल्म पर प्रतिबंध लगना चाहिए और उन लोगों को जिन्होंने इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर फिल्म बनाई है, उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए।