-अगले चार वर्षों के दौरान अनुसंधान एवं बुनियादी ढांचे की बेहतरी के लिए 1,00,000 करोड़ रुपये की पहल
delhi. शिक्षा की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि प्ले स्कूल से लेकर बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा को समग्र रूप से ध्यान में रखा जाएगा। संसद में आज आम बजट 2018-19 को प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री ने शिक्षा में डिजिटल तीव्रता बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘सरकार धीरे-धीरे ब्लैक बोर्ड से डिजिटल बोर्ड की ओर रुख करने का प्रस्ताव करती है।’ वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जिलावार रणनीति भी तैयार की जा रही है। प्रमुख शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान एवं संबंधित बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने ‘रीवाइटेलाइजिंग इन्फास्ट्रचर ऐंड सिस्टम्स इन एजुकेशन (आरआईएसई)’ नाम से एक प्रमुख पहल शुरू करने की घोषणा की। श्री जेटली ने कहा कि अगले चार वर्षों के दौरान इस पर कुल 1,00,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
उच्चतर शिक्षा का उल्लेख करते हुए जेटली ने ‘प्राइम मिनीस्टर्स रिसर्च फेलोज (पीएमआरएफ)’ योजना शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने इंगित किया कि हर साल प्रमुख संस्थानों से 1000 बेहतरीन बीटेक छात्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें आकर्षक फेलोशिप के साथ आईआईटी एवं आईआईएससी में पीएचडी करने के लिए सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। सेवाकाल के दौरान शिक्षकों के प्रशिक्षण की गंभीर प्रकृति का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने शिक्षकों के लिए एक एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने की बात कही।
वित्त मंत्री ने आदिवासी बच्चों को उनके खुद के वातावरण में अच्छी शिक्षा मुहैया कराने की आवश्यकता का उल्लेख किया। श्री जेटली ने कहा, ‘इस मिशन को पूरा करने के लिए वर्ष 2022 तक अनुसूचित जनजाति की 50 फीसदी आबादी और कम से कम 20,000 आदिवासी वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एकलव्य स्कूलों को नवोदय विद्यालय की तरह माना जाएगा और इन स्कूलों में खेल एवं कौशल विकास प्रशिक्षण के अलावा स्थानीय कला एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
इंस्टीट्यूट्स ऑफ एमिनेंस स्थापित करने की पहल का उल्लेख करते हुए श्री जेटली ने कहा कि 100 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमने वड़ोदरा में एक विशेष रेलवे यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए भी कदम उठाए हैं।’ उन्होंने कहा कि आईआईटी एवं एनआईटी संस्थानों में स्वायत्त स्कूल के तौर पर 18 नए स्कूल ऑफ प्लानिंग ऐंड आर्किटेक्चर (एसपीए) भी स्थापित किए जाएंगे।
प्रत्येक परिवार के बुजुर्गों, विधवाओं, लावारिस बच्चों, दिव्यांगों एवं सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना द्वारा परिभाषित वंचित लोगों तक पहुंचने की आवश्यकता पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने वृहत सामाजिक संरक्षा एवं सुरक्षा कार्यक्रम लागू करने का उल्लेख किया। उन्होंने इस साल राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिए 9975 करोड़ रुपये आबंटित करने की घोषणा की।