Trial of Dr. Abdul Hameed's Death Reference upto High Court hearing till 26

जयपुर। राजस्थान में नाबालिग व मासूम बच्चियों से दुष्कर्म करने वाले अपराधियों को फांसी दिए जाने के कानून के लागू होने के बाद एक दरिंदे को फांसी की सजा मिली है। इस कानून के बाद यह पहला केस है, जिसमें सात महीने की बच्ची से रेप करने वाले युवक पिंटू डाकोत को फांसी की सजा दी गई है। पिंटू डाकोत अलवर राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र का है। विशेष न्यायालय (एसटी-एससी व पॉस्को अधिनियम) के जज जगेन्द्र अग्रवाल ने आरोपी पिंटू डाकोत को फांसी की सजा सुनाई।

कोर्ट ने आदेश में कहा कि जो बच्ची सिर्फ रोना और हंसना जानती हो, उसके साथ ऐसा कृत्य करना मानवता के साथ शर्मसार है। ऐसे दरिंदे को आजीवन कारावास की सजा देने से गलत संदेश जाएगा। इस मामले में मृत्युदण्ड देना ही न्यायोचित है। ९ मई, २०१८ को पिंटू डाकोत अपने पड़ौसी में रहने वाली सात महीने की बच्ची को घूमाने के बहाने ले गया। फिर उसके साथ दरिदंगी की और छोड़ गया। मां ने उसे ढूंढा तो बच्ची बेहोश व लहुलूहान मिली। ग्रामीणों ने उसे ढूंढा तो वह फरार हो गया। पुलिस ने उसे अरेस्ट किया।

राजस्थान में बारह साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने पर फांसी की सजा का कानून लागू हो गया है। इस कानून के लागू होने के बाद मासूमों के दुष्कर्म के चार दर्जन केस सामने आ चुके हैं, लेकिन मामले में त्वरित सुनवाई करते हुए यह पहला मामला है, जिसमें कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।

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