जयपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद हुए सीकर के नाथूसर के बीएसएफ कांस्टेबल लोकेन्द्र सिंह शेखावत की पार्थिव देह आज पंचतत्व में विलीन हो गई। शहीद की पार्थिव देह सोमवार सुबह उनके गांव पहुंची, जहां हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद के अंतिम दर्शन किए। इसके बाद राजकीय सम्मान से शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले शहीद की देह सड़क मार्ग से सेना के वाहन में नाथूसर गांव पहुंची।
अजीतगढ़ से नाथूसर गांव तक सड़क के दोनों तरफ लोगों, स्कूली बच्चों ने खड़े होकर शहीद को सलामी दी और पुष्प वर्षा की। वहीं शहीद को ला रहे सेना वाहन के पीछे हजारों युवा मोटर साइकिलों पर सवार थे। वे लोकेन्द्र सिंह के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। जैसे ही शहीद की देह गांव पहुंची, तो शहीद लोकेन्द्र जिंदाबाद, लोकेन्द्र सिंह अमर रहे जैसे नारों से पूरा गांव गुंजायमान हो गया। आस-पास के गांव व ढाणियों से हजार लोग शहीद की शहादत को नमन करने पहुंचे। शहीद लोकेन्द्र सिंह की दो साल पहले ही शादी हुई थी।
शहीद पति की देह को देखते हुए पत्नी बिलख पड़ी। पिता, भाई व परिजनों की आंखों से आसूं नहीं थम रहे थे। शहीद का मासूम बच्चा भी घर-परिवार में लोगों को रोते-बिलखते देख रोता रहा। अंतिम संस्कार के दौरान जैसे ही छह महीने के मासूम बच्चे दक्ष प्रताप सिंह ने शहीद पिता की देह को मुखाग्नि दी, तो वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं और क्षेत्र शहीद लोकेन्द्र सिंह के नारों से गुंजायमान हो गया। छत्तीसगढ़ के कांकेर में रविवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में लोकेन्द्र सिंह व पंजाब के एक जवान शहीद हो गए थे। रविवार को ही लोकेन्द्र सिंह के छह माह के बेटे दक्ष प्रताप सिंह का मुंडन कार्यक्रम नाथूसर गांव में होना था। घर-परिवार में खुशी का माहौल था। बीएसएफ ने लोकेन्द्र के शहीद होने की सूचना दी तो परिवार में खुशी का माहौल अचानक ही मातम में बदल गया।