jaipur. बुराड़ी में एक परिवार की सामूहिक आत्महत्या की दुखद खबर ने इंसानियत को हिला दिया है, लेकिन हमें यह हकीकत सभी को समझानी पड़ेगी की व्यापार में घाटा, कर्ज से परेशान होकर तथा परीक्षा में परिणाम अनुकूल न आने के चलते कई लोग आत्महत्या को गले लगा लेते हैं, जिसे किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता, क्योंकि जीवन का नाम संघर्ष है और हमें पूरे आत्मविश्वास के साथ हर समस्या का सामना करना पड़ता है। आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं है।
वर्तमान समय में परेशानियों भरे जीवन पर दशकों पहले लिखे गए गीत के बोल ‘इस दुनिया में आए हैं तो जीना ही पड़ेगा, जीवन अगर जहर है तो पीना ही पड़ेगा पूरी तरह से चरितार्थ होते हैं , और परेशानियों से हार मान बैठे व्यक्ति को इसका अनुसरण करना चाहिए। आत्महत्या करने वाला शख्स अपने प्रियजनों व पारिवारिक सदस्यों की परेशानियों को और बढ़ाता है। कानूनी, धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से आत्महत्या को उचित नहीं ठहराया जा सकता। सरकार के द्वारा ‘राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है। धार्मिक व सामाजिक संगठनों को चाहिए कि वो मानसिक परेशानी से जूझ रहे लोगों का उपचार करवाने हेतु भी आगे आएं।
सरकार द्वारा मैंटल हैल्थ केयर एक्ट-2017 के अंतर्गत प्रावधान के अंतर्गत मानसिक दृष्टि से बीमार व्यक्तियों को मैंटल हैल्थ केयर प्रदान की जा रही है। जीवन एक संघर्ष है और सुख व दुख जीवन के अभिन्न अंग हैं। जीवन में समस्याओं से भाग कर आत्महत्या को गले लगाना समस्याओं का हल नहीं हैं और न ही इस उचित ठहराया जा सकता है। इसलिए समस्या पडऩे पर आत्मविश्वास को बढ़ाएं तथा ऐसे लोगों के बीच रहने का प्रयास करें जो आपका मनोबल बढ़ाएं। जीवन में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका कोई हल नहीं है। आत्मविश्वासी बनने से आप जहां खुद का जीवन बचा सकते हैं वहीं अपने परिवार व प्रियजनों को भी खुशियां दे पायेंगें।
– डाक्टर आलोक भारद्वाज,
जयपुर राजस्थान
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