जयपुर। राजस्थान के जोधपुर में शहरी विकास कार्यों में भ्रष्टाचार से जुड़े एक चर्चित मामले में जोधपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन राजेन्द्र सोलंकी व पूर्व निदेशक (अभियांत्रिकी) केके माथुर को हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी। पूर्व चेयरमैन राजेन्द्र सोलंकी इस मामले एसीबी की जांच के दौरान से ही फरार चल रहे थे। जेडीए के पूर्व निदेशक (अभियांत्रिकी) केके माथुर भी सोलंकी के साथ ही इस मामले में फरार चल रहे थे। एसीबी की गिरफ्तारी से बचने के लिए सोलंकी व माथुर की ओर से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत को लेकर आवेदन प्रस्तुत किए गए थे। जिस पर जस्टिस पीके लोहरा ने मंगलवार को ही बहस पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोनों की अग्रिम जमानत दे दी। बता दें प्रदेश में कांग्रेस सरकार के शासन के दौरान जोधपुर में जेडीए की ओर से विभिन्न स्थानों पर कराए गए विकास कार्यों में अनियमितताओं संबंधित शिकायतों पर एसीबी जांच कर रही थी। जांच के दौरान अनियमितताएं मिली तो एसीबी ने मामले में लिप्त कई अभियंताओं को गिरफ्तार कर लिया था। इसी प्रकरण में पूर्व विधायक जुगल किशोर काबरा की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि पूर्व चेयरमैन राजेन्द्र सोलंकी व जेडीए के पूर्व निदेशक केके माथुर एसीबी की गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गए थे। पूर्व चेयरमैन राजेन्द्र सोलंकी पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेहद नजदीकी माने जाते हैं। ऐसे में उनको जमानत मिलना जोधपुर जिला कांग्रेस के लिए भी राहत भरी खबर बनकर सामने आई है।

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