नई दिल्ली। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार में राज्यमंत्री रहे व कांग्रेस नेता गोपाल केसावत को
अखिल भारतीय विमुक्त घुमंतु अद्र्ध-घुमंतु जाति सेवक संघ में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। केसावत को संघ में राष्ट्रीय संयोजक व राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। विमुक्त घुमंतु अद्र्ध-घुमंतु जाति का देश में यह सबसे बड़ा संगठन है और यह संगठन आजादी से पहले का है। नई दिल्ली में आयोजित संघ की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट सतीश कुमार सांसी के मुताबिक, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में देश भर के सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन में श्रीश्री 108 महंत भजनाराम महाराज को डीएनटी जातियों का राष्ट्रीय संत घोषित किया गया है। इसमें आठ राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की गई। उत्तर प्रदेश अध्यक्ष कैलाश सिह को बनाया है।
– संघ ने आजादी की लड़ाई से क्रिमिनल ट्राईब्स एक्ट खत्म कराने के लिए लड़ी लड़ाई।
संघ के राष्ट्रीय संयोजक व राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष गोपाल केसावत ने बताया कि यह संघ सबसे पुराना और अखिल भारतीय स्तर का है, जिसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल है। इस संघ और इसके क्रांतिकारी पदाधिकारियों के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लड़ी गई और आदिवासी, विमुक्त घुमंतु अद्र्ध-घुमंतु जातियों के खिलाफ अंग्रेजों ने जो क्रिमिनल कानून बना रखे थे, उनके खात्मे के लिए लम्बा संघर्ष किया। संगठन के संस्थापक अध्यक्ष पंडित मास्टर प्रभुदयाल ने संकल्प किया था कि वे तब तक नंगे पैर रहेंगे, जब तक क्रिमिनल ट्राईब्स एक्ट ख़त्म नही हो जाता। यह प्रण 31 अगस्त 1952 को संत विनोबा भावे ने भारत सरकार का संदेश सुनाकर चप्पलों का एक जोड़ा भेंट कर प्रण तुड़वाया था। मास्टर प्रभुदयाल के योगदान से 31 अगस्त 1952 को क्रिमिनल एक्ट खत्म हुआ।