भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते को नए संसद भवन (सेंट्रल विस्टा) को बम से उड़ाने की धमकी देने के आरोप में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। समरीते ने लोकसभा-राज्यसभा के सिक्योरिटी जनरल को एक बैग में धमकी भरे पत्र के साथ जिलेटिन रॉड (विस्फोटक) भेजकर संसद भवन उड़ाने की धमकी दी थी। दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि समरीते को सोमवार को भोपाल के कोलार में ऑर्चड पैलेस से अरेस्ट किया गया। आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट और लोकसभा अध्यक्ष को भी धमकी भरे पत्र भेजे थे। समरीते बालाघाट की लांजी विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। उन पर नक्सलियों से साठगांठ के भी आरोप लग चुके हैं। एक हफ्ते पहले संसद भवन में सिक्योरिटी गार्ड को एक बैग मिला था, जिसमें राष्ट्रीय ध्वज, संविधान की कॉपी, जिलेटिन रॉड और एक पत्र था। इस पत्र में लिखा था- यदि हमारी 70 सूत्रीय मागें पूरी नहीं हुईं तो सेंट्रल विस्टा को बम से उड़ा देंगे। इसके लिए 30 सितंबर की टाइम लाइन भी तय की थी। इसके बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच, आईबी समेत अन्य एजेंसियां अलर्ट हो गईं। किशोर समरीते ने कांग्रेस के स्टूडेंट विंग (एनएसयूआई) से अपनी राजनीति शुरू की थी। बाद में वे जनता दल और फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। समरीते 2007 में सपा के टिकट पर उप-चुनाव जीतकर विधायक बने थे। यह सीट पूर्व मंत्री दिलीप भटेरे के निधन के बाद खाली हुई थी। समरीते ने जेल में रहकर चुनाव लड़ा था। उस समय वे चावड़ी (जानवर बिक्री केंद्र कार्यालय) जलाने के आरोप में जेल में बंद थे। समरीते ने 2022 में भी निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। समरीते वर्तमान में संयुक्त क्रांति पार्टी के अध्यक्ष हैं। समरीते पर मध्य प्रदेश के अलग-अलग थानों में 17 अपराध दर्ज हैं। इनमें आगजनी, दंगा और आर्म्स एक्ट के मामले हैं। आर्म्स एक्ट में 5 साल की सजा भी काट चुके हैं। समरीते को इससे पहले जून 2021 में भी गिरफ्तार किया गया था।
उन पर ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष राजेश पाठक को ब्लैकमेल करने का आरोप लगा था। पाठक ने उनके खिलाफ अवैध वसूली के लिए दबाव बनाने, हत्या के झूठे आरोप में फंसाने का डर दिखाकर ब्लैकमेल करने, हत्या की धमकी देकर वसूली करने और घर में घुसकर धमकाने के संबंध में शिकायत की थी। किशोर समरीते अपनी हरकतों से पहले भी सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए निर्वाचन आयोग से 75 लाख रुपए की मांग की थी। पैसा नहीं देने पर अपनी किडनी बेचने की अनुमति मांगी थी। उनके ऊपर नक्सलियों से गठजोड़ के आरोप भी लगते रहे हैं।

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