-धोखाधडी के आरोप की एफआईआर रद्द करने से किया इंकार
जयपुर। पूर्व केन्द्गीय मंत्री और अलवर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य जितेन्द्ग सिंह के खिलाफ दर्ज धोखाधडी करने की एफआईआर को राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने रद्द करने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है कि कथित ट्रस्ट डीड के बाद दिवंगत रणजीतसिंह ने हाईकोर्ट में 13 दिसंबर, 2००8 को अपनी संपत्ति के उपभोग पर लगी रोक को हटाने की गुहार की थी।
इसलिये मामला प्रथमदृष्टया जांच का बनता है। मामले के अनुसार जितेन्द्र सिंह की नानी बूंदी राजघराने की सदस्य थी। उन्होंने अपनी संपत्ति में से आधी-आधी संपत्ति जितेन्द्ग सिंह की मां और मामा रणजीतसिंह में बांटी थी। बाद में जितेन्द्र सिंह का मामा से विवाद होने पर कई मुकदमें दर्ज कराए गए। बाद में दिल्ली के अविनाश चांदना ने बूंदी में फर्जी ट्रस्ट डीड बनाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई कि रणजीतसिंह उनके मित्र थे और वर्ष 2०1० में उनकी मृत्यु होने तक दोनों एक साथ ही रहे। रणजीतसिंह ने अपने हिस्से की पूरी संपत्ति वसीयत के जरिए उनके नाम कर दी थी। जबकि जितेन्द्गसिंह इस संपत्ति को मंदिर ट्रस्ट को देना बताकर स्वयं को उसका मुख्य ट्रस्टी बताते है।