नयी दिल्ली। सुहावन लोक गीतों और पारंपरिक प्रसादों की खुशबू के बीच सूर्य भगवान को समर्पित चार दिवसीय छठ महापर्व आज से शुरू हो गया है, इसके साथ ही दिल्ली में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न घाटों को सजाया जा रहा है। दिवाली के बाद होने वाले इस पर्व में लौकिक ऊर्जा के रूप में सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आस्था का यह महापर्व पूर्ण रूप से प्रकृति को समर्पित है। इस पर्व को मुख्य रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश या पूर्वांचल के लोग मनाते हैं। राष्ट्रीय राजधानी में काफी संख्या में इन दोनों राज्यों के लोग रहते हैं, जो यहां यमुना नदी या तालाबों, झीलों और नहरों के किनारे बने घाटों पर जाकर इस पर्व को मनाते हैं। इस बार बनाए गए घाटों में कुदेसिया घाट, वजीराबाद, सोनिया विहार, नजफगढ़, कालिंदी कुंज इत्यादि जगहों पर बने घाट शामिल हैं। इसके अलावा कई लोग पार्कों और बगीचों में भी कामचलाऊ व्यवस्था करके पूजा कर लेते हैं।
इस वर्ष छठ 24 से 27 अक्तूबर तक मनाया जा रहा है। इस त्योहार में श्रद्धालु इसके तीसरे दिन डूबते सूर्य को और चौथे व अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। आज पहले दिन को ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है जिसमें व्रती लोग स्नान के बाद पारंपरिक पकवान तैयार करते हैं। दूसरे दिन को ‘खरना’ कहा जाता है, जब श्रद्धालु दिन भर उपवास रखते हैं, जो सूर्य अस्त होने के साथ ही समाप्त हो जाता है। उसके बाद वे मिट्टी के बने चुल्हे पर ‘खीर’और रोटी बनाते है, जिसे बाद में प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाता है। पर्व के तीसरे दिन छठ व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हैं और चौथे व अंतिम दिन को जिसे पारन कहा जाता है, उस दिन व्रती सूप में ठेकुआ, सठौरा जैसे कई पारंपरिक पकवान के साथ ही केला, गन्ना सहित विभिन्न प्रकार के फल रखकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं जिसके बाद इस पर्व का समापन हो जाता है। इस दौरान लोग रात भर घाटों पर जमा होकर बड़े हर्षोल्लास के साथ लोक गीतों के मनमोहक माहौल के बीच अगले दिन सूर्य के उदय होने की प्रतीक्षा करते हैं जिस दौरान उल्लास चरम पर होता है और घाटों का नजारा अत्यंत रमणीय होता है। दिल्ली सरकार और नगर निगमों ने घाटों की तैयारी बढ़िया ढंग से की है और साथ ही घाटों पर विशेष व्यवस्था की गई है। दिल्ली सरकार ने पिछले साल की तरह इस साल भी पर्व के तीसरे दिन को सरकारी छुट्टी की घोषणा की है। इस वर्ष दिल्ली में कुल 565 घाटों पर छठ मनाया जाएगा।