इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश एसटीएफ की स्थानीय इकाई ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 12 नवंबर को आयोजित कराए
जाने वाली समूह सी एवं डी की परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर मूल अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा में बैठने जा रहे एक गिरोह के 4 सदस्यों कोगिरफ्तार करने का दावा किया है। उनके पास से प्रवेश पत्र एवं फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेज बरामद किए गए हैं। अपर पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ, इलाहाबाद इकाई) प्रवीण सिंह चौहान ने बताया कि इलाहाबाद एवं इसके आसपास के जिलों में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में आनलाइन फर्जीवाड़ा कर नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से धन वसूलने वाले रैकेट के संबंध में लगातार सूचना मिल रही थी।
उन्होंने बताया कि कल मुखबिर से सूचना मिली कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समूह सी एवं डी की 12 नवंबर को होने वाली परीक्षा में अनुचित साधनों की सहायता से नकल कराने के उद्देश्य से कुछ लोग मेरी लूकस स्कूल के सामने एकत्र होने वाले हैं। मुखबिर की निशानदेही पर वहां पहुंची टीम ने दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।पूछताछ करने पर अभियुक्तों ने बताया कि उन्होंने परीक्षा पास कराने के लिए अभ्यर्थियों से दो से तीन लाख रूपये लिए और परीक्षा से पहले ही पेपर प्राप्त कर वे उन अभ्यर्थियों को इलेक्ट्रानिक उपकरण की मदद से नकल कराने की तैयारी में थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में मेजा निवासी मनीष मिश्र, भदोही निवासी सुनील कुमार उपाध्याय, भदोही निवासी कृष्ण कांत दूबे औरमिर्जापुर निवासी राजकुमार यादव शामिल हैं। मिश्र को गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। चौहान ने बताया कि उनके पास से 54 इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, 45 ब्लूटूथ डिवाइस, 30 डिवाइस स्टीकर, 11 मोबाइल फोन, 10 नए सिम कार्ड, विभिन्न बैंकों के हस्ताक्षर किए हुए 18 चेक, उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2017 के 18 प्रवेश पत्र और इसी परीक्षा के अभ्यर्थियों की 19 ओएमआर शीट, उच्च न्यायालय की परीक्षा के 22 प्रवेश पत्र और 2.38 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई।