बाड़मेर. माता-पिता के साथ ही 4 साल का भाई गंवाने वाली 7 लड़कियों की लाचारी की खबर फैली तो हजारों हाथ मदद को आगे आए। 50 घंटे में 2 करोड़ रुपए इकट्‌ठे हो गए। इसी दौरान कुछ ठग एक्टिव हो गए, जिन्होंने सोशल मीडिया पर खेल कर दिया। पीड़ित परिवार की बड़ी लड़की का फोन-पे नंबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। ऑनलाइन पेमेंट उसी नंबर के माध्यम से खाते में आ रहे थे। ठगों ने पोस्टर पर अपना नंबर डालकर वायरल कर दिया। तमाम लोगों ने ठगों के खाते में पैसे डाल दिए। मामला जब तक खुला, लाखों रुपए गलत खाते में चले गए थे। इस मामले में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार भी किया है। मामला बाड़मेर का है। परिवार की मदद कर रहे भगाराम पुत्र चिमाराम ने बालोतरा थाने में 19 नवंबर को रिपोर्ट दी थी। भगाराम ने रिपोर्ट में बताया कि सोशल मीडिया पर 7 बहनों की मदद के लिए मुहिम चल रही थी। इस दौरान सभी लोग फोन-पे एवं सीधे बैंक खाते में रुपए डालकर ग्रुप में स्क्रीन शॉर्ट डाल रहे थे। इस बीच ग्रुप सदस्य ने फर्जी नंबर पर रुपए ट्रांसफर करने का स्क्रीन शॉर्ट ग्रुप में डाल दिया। गहनता से छानबीन हुई तो इस तरह के 4 नंबर सामने आए। ये ऐसे नंबर थे, जिनका पीड़ित परिवार से कोई लेना-देना नहीं था। कलेक्टर लोकबंधु 17 नवंबर को 7 बेटियों और परिजनों से मिलने उनके गांव मालपुरा पहुंचे थे। उन्होंने कहा था- परिवार को चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना में 10 लाख रुपए मुआवजा, पालनहार योजना में 5 बच्चियों को 2500-2500 रुपए हर महीने दिए जाएंगे। सहकारी बैंक दुर्घटना बीमा के तहत 10 लाख रुपए देगा। सहकार जीवन सुरक्षा बीमा के तहत ऋण माफ किया जाएगा। पुलिस ने बताया बदमाश सोशल मीडिया पर चली मुहिम के पोस्टर (खाता संख्या व फोन नंबर) को एडिट कर अपना नंबर डाल दिया। इस पोस्टर को दूसरे ग्रुप में डाल रहे थे। मदद करने वाले लोगों ने इनके खाते में लाखों रुपए डाल दिए।

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