जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे द्वारा बजट, 2018 में प्रदेश के सहकारी बैंकों से जुड़े किसानों के 50 हजार रुपये तक के कर्ज माफ करने की घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिये 26 मई एवं 28 मई, 2018 को जिला स्तरीय कर्जमाफी प्रमाण पत्र वितरण शिविरों का आयोजन किया जायेगा। ये शिविर ग्राम सेवा सहकारी समिति या अटल सेवा केन्द्र पर आयोजित होंगे। यह जानकारी मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार डी. बी. गुप्ता ने दी।

गुप्ता सोमवार को शासन सचिवालय स्थित राष्ट्रीय सूचना केन्द्र के माध्यम से राजस्थान फसली ऋणमाफी योजना, 2018 के क्रियान्वयन के लिये संबंधित उत्तरदायी अधिकारियों कोे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय शिविरों का आयोजन जिला प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में किया जायेगा। उन्होंने बताया कि संबंधित जिलों के जनप्रतिनिधियों को इन शिविरों में उपस्थित रहने के लिये सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक की ओर से आमंत्रण पत्र भिजवाये गये हैं।

मुख्य सचिव ने बताया कि ग्राम स्तर पर ऋणमाफी प्रमाण पत्र वितरण शिविरों का आयोजन एक जून से प्रारम्भ होगा। उन्होंने बताया कि इन शिविरों के माध्यम से किसान को ऋणमाफी के प्रमाण पत्र के साथ उनकी पात्रता के आधार पर वितरित की जाने वाली ऋण राशि से अवगत कराया जायेगा। इन शिविरों में किसान से पुनः ऋण लेने के लिये आवेदन भी लिया जायेगा जिससे किसान की फसली आवश्यकताओं के लिये तत्काल ऋण मुहैया कराया जा सके।
गुप्ता ने निर्देश दिये कि न्याय आपके द्वार अभियान के तहत भूमि रूपान्तरण के बाद ही पट्टे जारी किये जायें। उन्होंने कहा कि पट्टे जारी कर हाथो-हाथ उनका पंजीयन किया जाये तथा आम रास्तों पर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही अमल में लाई जाये। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि जिलों में नन्दी गौशालाओं के लिये भूमि आवंटन में कोताही नहीं बरती जाये और इनके आवेदनों पर 31 मई तक भूमि आवंटन का कार्य पूर्ण कर लिया जाये ताकि बजट घोषणा पूरी हो सके एवं समय पर इन्हें सहायता दी जा सके।

प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता अभय कुमार ने बताया कि शिविरों के प्रभावी आयोजन के लिये 4 से 6 व्यवस्थापकों के दल बनाये गये हैं और एक दल अपने क्षेत्र में 8 से 10 ऋणमाफी शिविर आयोजित करेगा। उन्होंने बताया कि लाभार्थी किसान को मिलने वाले ऋणमाफी प्रमाण पत्र की काउण्टर फाइल ग्राम सेवा सहकारी समिति में जमा की जायेगी।

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