जयपुर। पांचदिन के दीपोत्सव का आगाज मंगलवार को धनतेरस के साथ शुरू होगा। इसकी तैयारियों को बाजार ने अंतिम रूप दे दिया है। धनतेरस के लिए बर्तन बाजार तैयार है। इस बार गुरुवार को दीपावली पूजन के लिए तीन सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त मिल रहे हैं। पंडित राजकुमार चतुर्वेदी के अनुसार गृहस्थों के साथ-साथ व्यापारी वर्ग के लिए भी गुरुवार को वृषभ लग्न में महालक्ष्मी पूजन शाम 7.36 से रात 9.32 बजे तक करना विशेष शुभकारक रहेगा। सुबह और दोपहर के अन्य लग्न में भी महालक्ष्मी पूजन शुभकारी रहेगा। 18 अक्टूबर की रात 12.12 बजे बाद से अमावस्या शुरू होगी, जो गुरुवार को रात 12.41 बजे तक रहेगी। पांच दिवसीय दीपोत्सव का शुभारंभ लाभ-अमृत के चौघडिय़ा में मंगलवार को सुबह 10.30 बजे धन्वंतरि पूजन के साथ धनतेरस से होगा। इस दिन शाम को लोग बर्तन खरीद कर धनतेरस का शगुन मनाएंगे। बुधवार को रूप चौदस मनेगी, जिसमें लोग सूर्योदय से पहले कई लोग निरोगी काया के लिए उबटन और तेल लगाकर नहाएंगे। इस दिन तेल में लक्ष्मी और जल में गंगा का निवास माना जाता है। वहीं शाम 6.30 से रात 7 बजे के बीच तक जलाशय और मंदिरों मे दीप दान होंगे। दीपावली के दिन लक्ष्मी का पूजन कर वर्षभर विशेष कृपा पाने की विनती करेंगे। 20 को गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट की धूम रहेगी। 21 को भैया दूज है।
{प्रदोष वेलापूजन : शाम6.04 से रात 8.28 बजे तक
{लाभ-अमृतचौघडिय़ा पूजन : सुबह10.30 से दोपहर 1.30 बजे तक
{शुभका चौघडिय़ा : सुबह10.30 से दोपहर 12 बजे तक
{चंचलका चौघडिय़ा : दोपहर3 से शाम 4.30 बजे तक
{लाभका चौघडिय़ा : शाम4.30 से 6 बजे तक
{19 को गादी स्थापना, स्याही भरने, कलम-दवात संवारने का काम
{सुबह 6.42 से 8.07 बजे तक
सुबह 10.58 से दोपहर 12.23 बजे तक।