नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय शीघ्र ही चालू वित्त वर्ष 2016-17 में भविष्य निधि (ईपीएफ) पर मिलने वाले ब्याज में वृद्धि करने वाला है। केन्द्रीय श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने इस मामले में फैसला ले लिया है। अब वित्त वर्ष 2016-17 में भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.65 फीसदी ब्याज देगा। अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों के लिए ब्याज दर के मुद्दे को लेकर कोई मतभेद नहीं है। दत्तात्रेय के अनुसार श्रम और वित्त मंत्रालय दोनों ही इस मामले में एकमत हैं। वित्त मंत्रालय में इस पर काम चल रहा है और इस मामले में वे खुद व्यक्तिगत स्तर पर देख भी रहे हैं। फिलहाल श्रम मंत्री का यह बयान सदस्यों के लिए राहत बनकर आया है। क्योंकि यह संभावना जताई जा रही थी कि वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को ब्याज दर घटाने के लिए कहा था। गौरतलब है कि दत्तात्रेय की अध्यक्षता वाली ईपीएफओ की शीर्ष निर्णायक संस्था केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) ने अपने सदस्यों को 8.65 फीसदी ब्याज देने का समर्थन किया था। गत वित्त वर्ष 2015-16 में यह ब्याज सदस्यों को 8.8 फीसदी दिया गया। ईपीएफओ के करीब चार करोड़ सदस्यों को वर्ष 2013-14 में 8.75 फीसद और 2012-13 में 8.5 फीसद ब्याज दिया गया था। इस बार सदस्यों को चालू वित्त वर्ष में 8.65 फीसदी ब्याज देने के बाद ईपीएफओ के पास 269 करोड़ रुपए सरप्लस बचेंगे। बता दें कि सीबीटी अपनी ब्याज आय का अनुमान लगाकर ब्याज देने का फैसला करता है। इस पर वित्त मंत्रालय अंतिम मंजूरी देता है।

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