नयी दिल्ली। राजमार्ग परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए केंद्रीय मंत्री सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय नितिन गडकरी राजमार्गों के निर्माण से जुड़े ठेकेदारों (हाइवे डेवलर) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज इसकी जानकारी दी। गडकरी ने कहा कि परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए ठेकेदारों, एनएचएआई के अधिकारियों और सड़क परिवहन मंत्रालय के बीच जल्द ही एक बैठक बुलाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण से जुड़े ठेकेदारों के संगठन नेशनल हाइवेज बिल्डर्स फेडरेशन (एनएचबीएफ) ने 20 से ज्यादा सदस्य कंपनियों को राजमार्ग परियोजनाओं में बोली लगाने से प्रतिबंधित कंपनियों में की सूची में डालर कर उनका नाम सार्वजनिक किए जाने के एनएचएआई के कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है। उसको देखते हुए गडकरी का यह बयान महत्वपूर्ण है।
इन प्रतिबंधित कंपनियों में एल एंड टी और एचसीसी जैसों के भी नाम हैं। एनएचबीएफ का कहना है कि एनएचएआई को ऐसा करने का अधिकार नहीं है। सड़क परिवहन, राजमार्ग और नौवहन मंत्री ने कहा, “मैं जल्द ही राजमार्ग निर्माण से जुड़े ठेकेदारों और एनएचएआई के अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करूंगा ताकि परियोजनाओं में तेजी लाना सुनिश्चित किया जा सके।” मंत्री ने कहा कि सरकार निर्माण कार्य की गति को बढ़ाकर राजमार्ग परियोजना के निर्माण में लगने वाले कुल समय को कम करने की भी कोशिश कर रही है। भाजपा के नेतृत्ववाली सरकार के आने के बाद राजमार्ग निर्माण की गति 2 किलोमीटर प्रतिदिन से 28 किलोमीटर प्रतिदिन पहुंच गई है और अगले साल मार्च तक हमारा लक्ष्य इसे 40 किमी प्रति दिन तक ले जाने की है। केंद्रीय मंत्री के साथ ठेकेदारों और एनएचएआई के अधिकारियों की बैठक में मौजूदा मामले को रखे जाने की उम्मीद है। लेकिन, जब गडकरी ने इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने एनएचएआई के उस कदम पर कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं दी। उल्लेखनीय है कि एनएचएआई ने 2014 के बाद रद्द किए गए ठेकों की सूची अपनी वेबसाइट पर डाल दी थी, जिसे बाद में हटा लिया गया था। सूची में लार्सन एंड टुब्रो, एचसीसी और एस्सेल इंफ्रा प्रोजेक्ट्स जैसी कंपनियों का नाम शामिल था। इसके साथ ही उन्हें बोली लगाने से भी रोक दिया गया था। एनएचएआई के इस कदम पर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण से जुड़े ठेकेदारों के संगठन नेशनल हाइवेज बिल्डर्स फेडरेशन ने आपत्ति जताते हुए गडकरी को चिट्ठी लिखी थी।