इलाहबाद। भारतीय रिजर्व बैंक ने जाली मुद्रा को असली मुद्रा में तब्दील करने की कारगुजारी का पर्दाफाश किया है। आरबीआई ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए शहर के 4 बैंकों के मैनजरों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामला दर्ज होने के साथ ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बैंकों से ही मामला जुड़ा होने के कारण अब खुफिया एजेंसी ने भी जांच में जुट गई है। जिसमें कई बैंक अधिकारी व कर्मचारी जांच के घेरे में आ गए हैं। इन बैंकों में 1000 या 500 रुपए का ही नहीं वरन 100 रुपए के नकली नोट का भी खेल सामने आया। यूं तो सभी बैंक अपने स्तर पर और तकनीकी स्तर पर नोटों की जांच कर असली-नकली की पहचान कर लेते हैं। लेकिन इन नोटों की पहचान आरबीआई के द्वारा होने के बाद अब बैंकों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। इनमें इलाहबाद स्थित मुट्ठीगंज शाखा सेंट्रल बैंक, खुल्दाबाद स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा, सिविल लाइंस स्थित इलाहबाद बैंक व कटरा स्थित एसबीआई शामिल है। एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि आरबीआई के निर्देश पर कानपुर के अधिकारियों ने संबंधित पुलिस थानों में इन बैंकों के प्रबंधकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। इन पर आरोप है कि जून 2016 में एक हजार, 500 व 100 रुपए की नकली मुद्रा आरबीआई में जमा कराई। मामले में जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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  1. खबर की दुनिया में Jnprahri समाचार पत्र एक नई क्रांति ला रही है। बहुत बहुत शुक्रिया

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