जयपुर. शाही लवाजमे और परम्परा के साथ इस बार गणगौर की सवारी 24-25 मार्च को निकाली जाएगी। भव्य मेले और जुलूस के रूप में निकलने वाली गणगौर की सवारी को देखने के लिए हजारों की तादाद में विदेशी और देशी सैलानी जयपुर के त्रिपोलिया गेट से गणगौरी बाजार में उमड़ेगे। पर्यटन विभाग ने भी इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पर्यटन विभाग के उप निदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि विदेशी सैलानियों के लिए त्रिपोलिया गेट के सामने स्थित हिन्द होटल की छत पर इंतजाम किए गए हैं। यहां पर वीआईपी लॉउंच में पर्यटकों के लिए जयपुर के परम्परागत घेवर भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। शेखावत के अनुसार 24 और 25 मार्च को दोनों दिन शाम 5:45 जनानी ड्योढ़ी से गणगौर की सवारी निकलेगी और इस यात्रा को भव्य स्वरूप प्रदान करेंगे। प्रदेश भर से 100 से अधिक लोक कलाकार प्रस्तुति देंगे। इनमें कच्ची घोडी, मयूर नृत्य, अलगोजावादक, कालबेलिया नृतकों के समूह, बहरूपिया कलाकार, मांगणियार और तेरहताली की प्रस्तुतियों के बीच गणगौर माता की सवारी निकाली जाएगी। राजस्थान में जयपुर का गणगौर उत्सव सबसे भव्य होता है। इसे देखने के लिए दुनिया के विभिन्न स्थानों से पर्यटक जयपुर के त्रिपोलिया बाजार में जुटते हैं। सर्वप्रथम राजपरिवार की महिलाएं सिंजारा उत्सव मनाती हैं और दूसरे दिन गणगौर माता की चांदी की पालकी तैयार की जाती है। यहां की चौड़ी सीधी सड़के दोनों ओर एक रंग से रंगी इमारते उन पर रंग-बिरंगी पोशाकों में स्त्री-पुरुष, गाते-बजाते पहले से इंतजार में आकर जमा हो जाते हैं। सवारी को देखने के लिए पूरा शहर परकोटा बाजारों में उमड़ पड़ता है। सवारी देखने के लिए आई भीड़ सवारी गुजरने के बाद मेले में परिवर्तित हो जाती है। इसके दूसरे दिन बूढी गणगौर की सवारी भी निकलती है। बूढी गणगौर निकलने के पीछे एक तर्क यह है कि गणगौर के मेले की आपा-धापी में बच्चे और बूढे गणगौर की सवारी नहीं देख पाते, उन्हीं के लिए दूसरे दिन बूढी गणगौर की सवारी निकालने का प्रावधान किया गया। ताकि बच्चे, महिलाएं और बूढे आराम से सवारी को देख सकें।
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