कांग्रेस नेताओं की आपसी गुटबाजी में फंसे मुख्यमंत्री बौखलाहट में दे रहे अनर्गल बयान
जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र गहलोत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले खुद अपने घर को देखें। उनसे प्रदेश सम्भल नहीं रहा इसलिए भाजपा पर छींटाकशी करके आमजन का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे है। भाजपा की पूर्ववर्ती वसुन्धरा राजे सरकार ने प्रदेश की जनता के हित में स्टेट हाईवे पर टोल माफ किया, लेकिन इस निर्णय को पलटते हुए कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने पुनः टोल वसूली का निर्णय कर प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया है।
राजेन्द्र गहलोत ने बयान जारी कर कहा कि गत भाजपा सरकार के निर्णयों को पलटने का काम ही वर्तमान की अशोक गहलोत सरकार का रह गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह सरकार केवल अल्टू-पल्टू सरकार बनकर रह गई है, जो कुछ नहीं कर पा रही है।
राजेन्द्र गहलोत ने कहा कि निकाय चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री में खींचतान चल रही है, यहीं कारण है कि राज्य सरकार को अपने ही निर्णयों को बदलना पड़ रहा है। प्रदेश उपाध्यक्ष गहलोत ने दावा किया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के पास गिनाने के लिए कुछ नहीं है, यहीं कारण है कि बौखलाहट व आपसी गुटबाजी में फंसे मुख्यमंत्री गहलोत भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पर अनर्गल बयान दे रहे है। लेकिन निकायों के चुनाव में प्रदेश की जनता एक बार फिर कांग्रेस को करारा जवाब देने वाली है। निकायों में भारतीय जनता पार्टी के सर्वाधिक बोर्ड बनेंगे।
गहलोत ने कहा कि भाजपा में कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाता है, लेकिन कांग्रेस में एक ही परिवार की चाकरी करके नेता पूरी जिंदगी निकाल देते है। भाजपा में युवाओं को मौका देकर आगे लाने व नेतृत्व सौंपने की परम्परा रही है। कांग्रेस ने एक युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया लेकिन कुछ समय बाद ही उसे हटाकर पुनः सोनिया गाँधी को आसीन कर दिया। मुख्यमंत्री के गृहनगर जोधपुर में 20 साल से एक ही जिलाध्यक्ष काम कर रहा है। कांग्रेस अपने ही युवा कार्यकर्ताओं का भविष्य चैपट कर रही है। स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री गहलोत खुद ही किसी को आगे नहीं आने देते, जबकि भाजपा ने सदैव युवा एवं जोशीले कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का अवसर दिया है उनकी नेतृत्व क्षमता को निखारा है।