Amount

– लेने वाला आबकारी इंस्पेक्टर और देना वाला एक बर्खास्त थानेदार
– भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, आयकर विभाग और राजस्थान पुलिस ले एक्शन, राशि जब्त करके दर्ज करवाए मामला
जयपुर। प्रदेश के भरतपुर में एक बर्खास्त थानेदार की बेटी की शादी में एक करोड़ रुपये से अधिक नकदी का दहेज देना खासा चर्चा में बना हुआ है। इसका वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है। बर्खास्त थानेदार परिवार की ओर से सार्वजनिक रुप से अपने दामाद आबकारी इंस्पेक्टर को एक करोड़ सोलह रुपये की नकद देते हुए दिखाया गया है। यहीं नहीं वीडियो में दहेज के तौर पर इतनी बड़ी राशि को गिन-गिनकर बताया भी गया है। कानूनन दहेज देना और दहेज लेना दोनों ही गैर कानूनी कृत्य है। दिलचस्प बात यह है कि देने वाला ससुर सरकारी नौकरी में रहा है और कुछ महीने पहले ही बर्खास्त हुआ है। वहीं इतनी बड़ी दहेज राशि लेने वाला दामाद आबकारी विभाग में इंस्पेक्टर है। सवाल यह है कि जब दहेज देना व लेना प्रतिबंधित है तो सार्वजनिक तौर पर आए इस मामले में दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। सरकारी नौकरी में नियुक्ति के दौरान दहेज नहीं लेने की शपथ भी ली जाती है, लेकिन आबकारी इंस्पेक्टर ने इसे भुला दिया। अब सरकार, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, आयकर विभाग और राजस्थान पुलिस को आगे आकर सार्वजनिक रुप से दहेज लेने वाले और देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई चाहिए। तभी ऐसे दहेज लोभी परिवारों पर लगाम लग पाएगी। साथ ही एक बर्खास्त थानेदार के पास इतनी बड़ी नकद राशि कहां से आई है, इस बारे में भी उससे जानकारी हासिल करनी चाहिए। क्योंकि यह राशि देने वाले एक बर्खास्त थानेदार है। स्पष्ट लग रहा है कि यह राशि ईमानदारी से कमाई हुई नहीं है। बल्कि हेराफेरी से अर्जित की गई है। आयकर विभाग और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को तत्काल इस राशि को जब्त करके इस आय का ोत पूछना चाहिए। बर्खास्त थानेदार बता नहीं पाए तो यह राशि जब्त की जानी चाहिए।
– विधायक व प्रधान की मौजूदगी में दी गई दहेज राशि
23 जनवरी को उच्चैन कस्बे की तियापट्टी कॉलोनी में रहने वाले बर्खास्त थानेदार अर्जुन सिंह की बेटी दिव्या कुमारी की शादी करौली के कैमरी निवासी दीपक से हुई थी। दीपक आबकारी विभाग में इंस्पेक्टर है। शादी समारोह में एक करोड़ सोलह लाख एक सौ एक रुपये वधू पक्ष की ओर से वर पक्ष को दिए गए। इसका सार्वजनिक ऐलान किया। इस शाही शादी में कन्या पक्ष की ओर से बारातियों को 511 रुपए और एक पगड़ी बतौर मिलनी दी गई। शादी समारोह में सरकारी रोक के बाद भी करीब 800 लोग शामिल हुए। इस मौके पर नदबई विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना, उच्चैन प्रधान हिमांशु अवाना, पूर्व विधायक घनश्याम महर समेत कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थी। वायरल वीडियो में दहेज रकम को गिनते हुए और देते हुए दिखाया गया है। उधर, मामला प्रकाश में आने और तूल पकडऩे के बाद जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने उच्चैन एसडीएम से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है, लेकिन अभी तक दहेज लेने व देने को लेकर कोई मामला दर्ज नहीं करवाया गया है।
– इसलिए किया था बर्खास्त
बर्खास्त थानेदार अर्जुन सिंह गढ़ी बाजना थाना इलाके के है। तीस साल से वे परिवार समेत उच्चैन कस्बे में रह रहे हैं। कस्बे में दो मकान हैं। इनके हिस्से में तीन बीघा पुश्तैनी जमीन है। अर्जुन सिंह का एक लड़का एमबीबीएस कर रहा है तो दूसरा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी। अर्जुन सिंह को नवंबर 2019 में कामां की धिलावटी चौकी से पहले सस्पेंड किया गया।  गैर हाजिर रहने पर जनवरी 2020 में उसे बर्खास्त कर दिया था। उस पर रिश्वत में 2 लाख रुपए नहीं देने पर अनिल शर्मा से पुलिस चौकी में मारपीट करने के आरोप में सस्पेंड किया गया था।
– दहेज लेना-देना कानूनी अपराध
एडवोकेट अजय कुमार जैन ने बताया कि दहेज निषेध अधिनियम 1961 की धारा 3 में दहेज लेना और देना दोनों ही कानूनी अपराध है। इस अपराध के लिए पांच साल की कैद और 15 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान है। यह मामला दहेज के साथ इतनी बड़ी राशि एक सरकारी कर्मी ने कहां से अर्जित की है, उसकी भी पडताल की जानी चाहिए।

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