जयपुर। आरएसएस को घुंमतू वर्ग के कल्याण की नहीं बल्कि भाजपा के कल्याण की चिंता है । यदि आरएसएस को समाज के घुमंतू वर्ग की फ्रिक है तो राज्य में पिछले पौने चार साल में इस समाज पर हुए हमलों, अन्याय व उपेक्षा की सूची मंगाकर मुख्यमंत्री से जवाब तलब करे । गोपाल केसावत ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने घुंमतू, अर्द्ध घुंमतू वर्ग के लिए बोर्ड बनाकर सम्मान व अधिकार दिए थे जिन्हें मौजूदा भाजपा सरकार ने छीन लिया । कांग्रेस सरकार मे राज्यमंत्री रहे गोपाल केसावत ने बयान जारी कर कहा कि राज्य मे डीएनटी वर्ग का वोटबैक प्रत्येक विधानसभा मे निर्णायक रूप मे वोंट बैंक है आरएसएस हिन्दू एंजेण्डा अपनाकर विमुक्त घुमंतु अर्द्धघुमंतु वर्ग को भाजपा से जोड़ने के प्रयास कर रही है आरएसएस ने पूर्व मे भी सामाजिक समरसता के नाम पर घुमंतु वर्ग के साथ चर्चा की थी आरएसएस के प्रमुख विचारक जमीनी स्तर से अध्ययन कर चुकी है की यदि हाशिए पर बैठे 25%वोंट बैंक को भाजपा की ओर आकर्षित करने मे आरएसएस सफल होती है तो आगामी विधानसभा चुनावों मे करिश्माई जादू हो सकता है क्योंकि राज्य ही नही अपितु देश का डीएनटी वर्ग कांग्रेस का परम्परागत वोटबैंक रहा है । लेकिन राज्य का घुमंतु वर्ग भाजपा से असंतुष्ट क्योंकि भाजपानीत सरकार मे घुमंतु वर्ग पर अत्याचार के मामले बेतहाशा बढे है ।
तीन साल मे घुमंतु वर्ग को बजट तक नही दिया पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गठित बोर्ड की उपेक्षा की उच्च न्यायालय की दखलंदाजी के बाद नियुक्ति दी लेकिन बजट शून्य दिया लम्बे समय से अलग मंत्रालय गठन की मॉंग राज्य का घुमंतु वर्ग करता रहा है । वर्तमान मे बोर्ड अध्यक्ष का पद रिक्त पड़ा है । श्री मोहन भागवत को हिन्दू की दुआई देकर सांस्कृतिक एंजेडा बताकर घुमंतु वर्ग को आरएसएस से जोड़ने के लिए पुरजोर तरीके राज्य के प्रवास पर जब जब आये भारती भवन मे डीएनटी के प्रमुख लोगो से चर्चा की है क्योंकि पूर्व प्रधानमत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गॉंधी ने इन वर्गों को सम्मान दिया । यह भाजपा की जमीन खिसक रही कैसे वापस सत्ता मे लौटा जाये क्योंकि राज्य मे घुमंतु वर्ग एक ऐसा वर्ग जो राजनैतिक शुन्ययता है सिर्फ़ चुनाव मे अपना वोट देता है अब आरएसएस लोकलुभावने सपने दिखा रही है जो समाज के साथ। छलावा है ।