नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आज कृषि मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह देशभर में स्वदेशी नस्ल की गायों की ‘‘तेजी से कम होती संख्या’’ पर नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय नीति तैयार करने के वास्ते हुई बैठक के ब्यौरे का उल्लेख करते हुए हलफनामा दायर करे। अधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष यूडी साल्वी की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में अन्य पक्षों से भी कहा कि वे दो सप्ताह के भीतर सभी सामग्री के साथ अपने विचार रिकॉर्ड में रखें। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार के वकील सुमीर सोढी ने कहा कि आवेदक (जिसे अधिकरण ने बैठक में शामिल होने की अनुमति दी थी) ने इसमें भाग नहीं लिया और वह मवेशी नीति पर अपने विचार रखना चाहेगा। मामले में अगली सुनवाई अब एक फरवरी को होगी।
अधिकरण ने इससे पहले पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा सरकारों को राष्ट्रीय नीति तैयार करने संबंधी बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया था। हरित अधिकरण ने पर्यावरण मंत्रालय और कृषि मंत्रालय के तहत आने वाले पशु पालन विभाग को भी पूर्व में निर्देश दिया था कि वे मुद्दे पर समान नीति तैयार करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक करें। अधिकरण देश में गाय की देशी नस्लों के विलुप्त होने के खतरे को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसने कृषि मंत्रालय को नोटिस जारी किया था। याचिका में देशी नस्ल के मवेशी के वध पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाए जाने का भी आग्रह किया गया था। इसमें कहा गया था कि गाय की भारतीय नस्लों को यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से आयातित वर्ण संकर गायों से बदला जा रहा है।