जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों से कहा कि सुशासन ही हमारी सरकार का मूलमंत्र है। संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह एवं कुशल प्रशासन के साथ ही गवर्नेंस विद ह्यूमन फेस हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए जमीनी स्तर से पर काम किया जाए ताकि आमजन तक एवं अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंच सके। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने जनभावनाओं के आधार पर चुनावी घोषणा पत्र तैयार किया है। इसमें लोगों से किए वादे पूरे करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। अधिकारी इस दिशा में सकारात्मक सोच एवं वित्तीय आकलन के साथ रोडमैप बनाएं ताकि इन वादों का समयबद्ध एवं प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान और युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अधिकारी इसके लिए नवाचार करें एवं रचनात्मक सुझाव दें। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना को और बेहतर बनाने के प्रयास करें ताकि किसानों को इसका वास्तविक रूप में लाभ मिल सके। उन्होंने खाद, बीज, कीटनाशक आदि की गुणवत्ता एवं समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई एवं विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बेहतर बनाने पर भी विशेष जोर दिया।
गहलोत ने कहा कि जन अभाव अभियोग निराकरण राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। आमजन की सुनवाई के साथ ही उनकी समस्याओं पर त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही हो। इसके लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो और आम आदमी तक उनका पूरा लाभ पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से सुशासन के लिए लघु एवं दीर्घ अवधि की कार्ययोजनाएं बनाने के निर्देश दिए। साथ ही सकारात्मक सुझाव भी मांगे।
बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने आवश्वस्त किया कि सभी अधिकारी राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करते हुए सुशासन देने में कोई कोर कसर नहीं छोडे़ंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभाग से संबंधित कार्य योजनाएं एवं सुझाव प्रशासनिक सुधार विभाग के माध्यम से राज्य सरकार को भिजवाएं।