Government of India Tele-Law system for legal assistance
Government of India Tele-Law system for legal assistance

दिल्ली. अलग-थलग पड़े समुदायों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को कानूनी सहायता आसानी से उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार ने ‘टेली-लॉ’ प्रणाली का शुभारंभ किया है। यह कार्यक्रम विधि और न्याय मंत्रालय तथा इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय मिल कर संचालित करेंगे।

इसके लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा देशभर में पंचायत स्तर पर संचालित किए जा रहे सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रथम चरण के दौरान ‘टेली-लॉ’ कार्यक्रम प्रयोग के तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार में 500 सामान्य सेवा केंद्रों में चलाया जाएगा ताकि इस दिशा में आने वाली चुनौतियों को समझा जा सके और चरणबद्ध ढंग से देशभर में इस कार्यक्रम को लागू करने से पहले आवश्यक सुधार किए जा सकें। कार्यक्रम के अंतर्गत ‘टेली-लॉ’ नाम का एक पोर्टल शुरू किया जाएगा, जो समूचे कॉमन सर्विस सेंटर नेटवर्क पर उपलब्ध होगा। यह पोर्टल प्रौद्योगिकी सक्षम प्लेटफार्मों की सहायता से नागरिकों को कानून सेवा प्रदाताओं के साथ जोड़ेगा। ‘टेली-लॉ’ के जरिए लोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सामान्य सेवा केंद्रों पर वकीलों से कानूनी सहायता प्राप्त कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त लॉ स्कूल क्लिनिकों, जिला विधि सेवा प्राधिकारियों, स्वयंसेवी सेवा प्रदाताओं और कानूनी सहायता एवं अधिकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे गैर-सरकारी संगठनों को भी सीएससीज़ के साथ जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (नाल्सा) राज्यों की राजधानियों से वकीलों का एक पैनल उपलब्ध कराएगा, जो आवेदकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानूनी सलाह और परामर्श प्रदान करेंगे।

‘टेली-लॉ’ सेवा का शुभारंभ करते हुए इलेक्ट्रोनिक्स आईटी विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह सेवा शुरू करके सरकार ने समाज के गरीब लोगों की पहुंच न्याय और अधिकारिता तक सुनिश्चित करने का अपना वायदा निभाया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक सामान्य सेवा केंद्र एक पैरा-लीगल वालंटियर (पीएलवी) की नियुक्ति करेगा, जो ग्रामीण नागरिकों के लिए सम्पर्क का पहला बिंदु होगा और कानूनी मुद्दे समझने में उनकी सहायता करेगा। इसके अंतर्गत चुने हुए पीएलवीज़ को आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा ताकि वे अपने दायित्वों का कारगर ढंग से निर्वाह कर सकें। यह कार्यक्रम झारखंड और राजस्थान में कमजोर वर्गों की पहुंच न्याय तक कायम करने के लिए न्याय विभाग और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा चलाए जा रहे एक्सेस टू जस्टिस प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत झारखंड में तीन जिलों के दस सामान्य सेवा केंद्रों और राजस्थान में 11 जिलों के 500 सामान्य सेवा केंद्रों के जरिए लोगों को कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अंतर्गत राजस्थान में 500 स्वयंसेवी विधि विशेषज्ञों को सामाजिक न्याय के कानूनों का प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।

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