दोनों नीलामियों के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) नोडल एजेंसी है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिये दो-तीन और नीलामी का आयोजन करेंगे। इसका कारण इस महीने की शुरुआत में 1,000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिये हुई नीलामी की नतीजा उत्साहजनक रहना है। इस नीलामी में शुल्क घटकर 2.64 रुपये प्रति यूनिट पर आ गया।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या ये नीलामी चालू वित्त वर्ष में होगी, अधिकारी ने कहा कि यह 2018 तक जा सकता है।’’ उसने कहा, ‘‘इस प्रकार की नीलामी के लिये एक प्रक्रिया है और ये पूरी तरह मांग आधारित है। यह मांग पर निर्भर करेगा। लेकिन हम पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिये करीब दो-तीन दौर की और नीलामी के लिये आश्वस्त हैं।’’ उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में 4,000 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाओं की नीलामी की योजना बनायी है। यह 2022 तक 60,000 मेगावाट पवन ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को पूरा करने के लिहाज से भी जरूरी है।
फिलहाल देश में पवन ऊर्जा क्षमता 32,500 मेगावाट है।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी शुल्क घटकर 2.44 रुपये प्रति यूनिट पर आ गया है। सरकार ने 2022 तक अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट करने का लक्ष्य रखा है।
नयी दिल्ली। पवन ऊर्जा की शुल्क आधारित नीलामी की सफलता से उत्साहित सरकार 3,000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिये इस प्रकार की दो-तीन और नीलामी के लिये कदम उठाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस साल फरवरी में एक हजार मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिये शुल्क आधारित प्रतिस्पर्धी बोली में शुल्क 3.46 रुपये प्रति यूनिट पर आ गया। यह इस महीने की शुरूआत में इसी प्रकार की नीलामी में घटकर 2.64 रुपये प्रति यूनिट पर आ गयी।