जयपुर। प्रदेश में सातवें वेतनमान की सिफारिशों से ठीक पहले सरकार ने राज्य सेवा के हायर सुपर टाइम के अफसरों का वेतन बढ़ाने की तैयारी कर ली है। इसके तहत आरएएस, आरपीएस, आरएसीएस राजस्थान बीमा सेवा के हायर सुपर टाइम अफसरों की ग्रेड पे 9500 रु. को बढ़ाकर 10 हजार रु. किया जाएगा। वित्त विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया है। इस प्रस्ताव के मुताबिक सातवें वेतनमान में इन अफसरों के प्रारंभिक वेतन का निर्धारण 9500 ग्रेड पे की जगह 10 हजार रुपए ग्रेड पे के आधार पर होगा।
क्या फर्क पड़ेगा – दस हजार रुपए ग्रेड पे होते ही 7वें वेतनमान में वेतन गुणांक 2.72 हो जाता है। यानी 10 हजार ग्रेड पे जिस पे मेट्रिक्स पर फिक्स होगी, उसे 2.72 से गुणा कर प्रारंभिक वेतन यानी बेसिक सेलरी निर्धारित होगी।
अफसरों की सेलेरी क्यों बढ़ाई जा रही है – ग्रेडपे बढ़ाने के लिए जो तर्क दिए गए हैं उनमें कहा है कि पीडब्लूडी, पीएचईडी बिजली कंपनियों के चीफ इंजीनियर, चीफ टाउन प्लानर, चिकित्सा विभाग के सीनियर प्रोफेसर की ग्रेड पे 8 700 रु. से बढ़ाकर 10 हजार रु. हो चुकी। कॉलेज व्याख्याताओं के पदनाम प्रोफेसर करते हुए इनकी ग्रेड पे भी 10 हजार रु. कर दी गई है। एक तर्क यह भी है कि मौजूदा सरकार पहले ही हायर सुपर टाइम के प्रमोशन का कोटा 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत कर चुकी है।
बाबुओं के बढ़े वेतन को विसंगति बताया- अफसरों-कर्मचारियों दोनों के वेतन में अतिरिक्त बढ़ोतरी पिछली गहलोत सरकार ने की थी। इसमें हायर सुपरटाइम के अफसरों को 2011 में अतिरिक्त इन्क्रीमेंट के रूप में 9500 ग्रेड पे दी गई। अन्य कैडर्स बाबुओं की ग्रेड पे का रिवीजन 2013 में हुआ। बाबुओं की ग्रेड पे 2400 से बढ़ाकर 2800 की गई। मौजूदा सरकार ने बाबुओं की ग्रेड में किए गए इजाफे को वेतन विसंगति बताया। इसके बाद बाबुओं के वेतन में कटौती को लेकर सरकार ने कमेटी बना दी।