जयपुर। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने पत्रकार वार्ता में कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद विŸा मंत्री अरूण जेटली ने जीएसटी के तहत कई तरह की छूटों की घोषणा की। इन छूटों से छोटे कारोबारियों, निर्यातकों और उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। कुछ तकनीकी समस्याएं हैं, जो धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल, 2018 तक सभी एक्सपोर्टर्स का ई-वाॅलेट बनाया जाएगा। राजपाल सिंह शेखावत ने बताया कि जीएसटी परिषद में एक्सपोर्टर्स की समस्या पर विचार हुआ। जीएसटी लगने की वजह से एक्सपोर्टर्स का क्रियाशील पुन्जी के ब्लाॅक से उनकी कैश लिक्विडिटी पर पड़ रहें सम्भावित असर को समाप्त करने के लिय,े 10 अक्टूबर से जुलाई का और 18 अक्टूबर से अगस्त का रीफंड प्रोसेस करके एक्सपोर्टर्स को चैक से भुगतान कर दिया जाएगा। राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने एम.एस.एम.ई. क्षेत्र के कारोबारियों एवं मंझले व्यापारियों को राहत देते हुये, कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ा दिया है। इस स्कीम में पहले 75 लाख के टर्नओवर वाले कारोबारी थे, अब इसे बढ़ाकर इसमें एक करोड़ तक के टर्नओवर वालों के भी शामिल कर लिया गया है। जीएसटी के तहत इस स्कीम में 3 प्रकार के लोग आते हैं। पहला टेªडर्स जो एक फीसदी टैक्स देंगे, दूसरा मैन्यूफैक्चरर्स जो दो फीसदी टैक्स देंगे और तीसरा रेस्तरां बिजनेस वाले, जिन्हें 5 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा। अब दायरा बढ़ जाने से तीनों तरह के कारोबारियों को राहत मिलेगी।
उद्योग मंत्री शेखावत ने कहा कि जीएसटी के तहत अब तक के टैक्स कलेक्शन से पता चला है कि बड़ा हिस्सा बड़े कारोबारियों से आ रहा है। हालांकि जीएसटी सिस्टम में मंझोले और छोटे कारोबारियों की संख्या भी काफी है। ऐसे में उन्हें जीएसटी की जटिलताओं से परेशान होना पड़ रहा है। उन्हें राहत देते हुए डेढ़ करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों एवं विनिर्माण क्षेत्र के कारोबारियों को भी तीन महीने पर रिटर्न दाखिल करने की छूट देने का फैसला हुआ है। इससे करीब 90 फीसदी टैक्स पेयर्स को राहत मिलेगी। जीएसटी काउंसिल ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स घटा दिया है। ऐसी करीब 27 चीजें है जिन पर राहत मिल गई है। अनवब्रैंडेड नमकीन, स्लाइस ड्राइड मैंगो पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी, खाखड़ा व प्लेन चपाती पर 12 से 5, बच्चों के पैकेज्ड फूड पर 12 से 5, अनब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी कर दी गई है।इसके अलावा प्लास्टिक, रबर वेस्ट पर जीएसटी 18 से 5 फीसदी जबकि पेपर वेस्ट पर 12 से 5 फीसदी कर दी गई है। कोटा स्टाॅन पर जीएसटी 28 से 18 फीसदी कर दी गई है। ई-वेस्ट पर जीएसटी 28 से 5 फीसदी कर दी गई है। सर्विसेज में जरी के काम और आर्टिफिशियल ज्वैलरी 12 से 5 फीसदी कर दी गई है।
– क्या-क्या हुए है बदलावः-1. ज्वैलरी कारोबार को मनी लाॅन्ड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए के दायरे से बाहर कर दिया गया है। जीएसटी में बदलाव के बाद अब 2 लाख रूपये तक की ज्वैलरी की खरीददारी पर पैन देना जरूरी नहीं होेगा। पहले 50 हजार रूप्ये से ज्यादा की खरीददारी पर च्।छ देना अनिवार्य था।2. अब हर 3 महीने में रिटर्न फाईल करने की व्यवस्था पर सहमति बन गई है। 1.5 करोड़ रूप्ये टर्नओवर पर हर 3 महीने में रिटर्न भरनी होगी। कंपोजिशन स्कीम की सीमा 75 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रूप्ये कर दी गई है।3. निर्यातकों को 6 महीने के लिए राहत, 6 महीने बाद हर एक निर्यातक को ई-वाॅलेट मिलेगा। ई-वाॅलेट सिस्टम 1 अप्रैल, 2018 से पूरी तरह लागू हो जाएगा। इस व्यवस्था को एक कम्पनी विकसित करेगी।4. एक करोड़ से ज्यादा टर्नओवर और ।ब् चार्ज वाले रेस्टोरेन्ट जो 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आते है। रेस्त्रां के टैक्स सिस्टम में बदलाव किया गया है। अब मालिकों को 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा।5. निर्यातकों को 10 अक्टूबर से टैक्स रिफण्ड किया जाएगा। विŸा मंत्री ने कहा कि निर्यात पर 0.1 प्रतिशत का जीएसटी लागू है।6. आम, खाखरा और आयुर्वेदक दवाओं पर जीएसटी की दर 12 से 5 फीसदी की गई है। स्टेशनरी के कई सामान पर जीएसटी 28 से 18 प्रतिशत कर दी गई है। हाथ से बने धागों पर जीएसटी 18 से 12 प्रशित की गई है।7. प्लेन चपाती पर जीएसटी 12 से 5 प्रशित कर दी गई है। आईसीडीएस किड्स फूड पैकेट पर जीएसटी 18 से 5 प्रतिशत की गई है।8. अनब्रैंडेड नमकीन पर 5 प्रशित जीएसटी की दर लागू होगी। यही दर अनब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर भी लागू होगी।9. डीजल इंजन के पार्ट्स पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगी। साथ ही दरी (कारपेट) पर जीएसटी की दर को 12 से 5 प्रतिशत कर दिया गया है।10. सबसे बड़ी राहत ये है कि अब एक ही फाॅर्म से जीएसटी फाईल की जा सकेगी। साथ ही रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को मार्च, 2018 तक स्थगित कर दिया गया है।