GST

जयपुर। देश में एक जुलाई से जीएसटी लागू कर दिया गया है। मोदी सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है और इसे लागू करने के लिए वह कृतसंकल्प भी थी। इसीलिए काफी विरोध के बाद भी इस योजना को लागू कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि जीएसटी यानि समान कर लागू होने से व्यापार में आसानी होगी और टैक्स चोरी की संभावना कम होगी।

सरकार का सोचना ठीक लगता है लेकिन सरकार आम जनता को यह समझाने में सफल नहीं हो पाई है। क्योंकि जब से सरकार ने जीएसटी की घोषणा की है व्यापार जगत में तब से इसका हौव्वा बना हुआ है और इसी कारण लोग इसके नियम और कायदों से पूरी तह से वाकिफ नहीं है। होना तो यह चाहिए था कि आम जनता को सरल भाषा में इसे समाझाया जाता उसके बाद इसे लागू किया जाता। सरकार का कहना है कि इससे ग्रोथ बढ़ेगी लेकिन वर्तमान में तो ऐसा लगता नहीं है। इससे तो बड़े उद्योगों को ही फायदा मिलता दिख रहा है और छोटे उद्योगों को नुकसान होता दिख रहा है। इसे समझने के लिए देखें की सेंसेक्स में उछाल आ रहा है और ग्रोथ गिर रही है जबकि यह दोनों साथ-साथ चलते है लेकिन अबकी बार ऐसा नहीं है। क्योंकि जीएसटी लागू होने से बड़े व्यापारों के लिए व्यापार का एक बड़ा बाजार तैयार हो गया है और छोटे उद्योगों के लिए जमीन छोटी हो गई है।

इसे आप ऐसे देख सकते हैं कि चार भाईयों का हिस्सा एक भाई खा गया जिससे वो संपन्न हो गया और बाकी के तीन भाई दरिद्र हो गए। और इन सब के लिए नोटबंदी जिम्मेदार है मान लिजिए कोई ठेले वाला या खोमचे वाला नकद में धंधा करता है और नोटबंदी में उसका धंधा ठप हो गया जिस कारण कुछ दिन उसे अपना धंधा ठप करना पड़ा, दो माह पश्चात नए नोट प्रचलन में आ गए मगर उस ठेले वाले या खोमचे वाले का धंधा नहीं चला। क्योंकि डिजिटल पेंमेंट के कारण लोगों ने ठेले को छोड़कर बड़े रेस्टोरेंट की तरफ रूख किया। जहां डिजिटल पेमेंट की सुविधा मिलने के कारण उसे अपने मतलब की चीज आसानी से मिल गई। जीएसटी से अन्तरर्राजीय व्यापार में आसानी होगी और इन कारण से अर्थव्यव्स्था को गति मिल रही है। आगे की स्थिति इस बात पर निर्भर करेगी कि दोनों में से कौन ज्यादा प्रभावी होता है। नोटबंदी, डिजिटल पेमेंट, जीएसटी के कारण छोटे उद्योग दबाव में आ रहे हैं। अर्थव्यवस्था शिथिल पड़ रही है। इनके विपरित रेलवे, हाईवे, बिजली मानसून, तेल के दाम तथा जीएसटी से बड़े उद्यो धंधे पनप रहे हैं। मगर यह बात भी सच है कि छोटे उद्योग हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है बड़े उद्योगों से सेंसेक्स उछाल मार सकता है मगर ग्रोथ नहीं बढ़ा सकते।

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