नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) ने व्यापारियों के लिए कारोबार को आसान बनाया है, क्योंकि इसने बाजार का विस्तार किया है और कर अनुपालन के बोझ को घटाया है। जेटली ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी जैसे दो बुनियादी सुधारों से देश की अर्थव्यवस्था को मध्यम एवं दीर्घावधि में लाभ होगा। दूसरी तिमाही के आर्थिक वृद्धि अनुमानों पर एक प्रश्न के जवाब में जेटली ने कहा, ‘‘जीएसटी ने कारोबार और व्यापार को बहुत आसान बना दिया है। हर व्यापारी के लिए बाजार का आकार बढ़ गया है। अब पूरा देश उसके लिए बाजार है।’’ उल्लेखनीय है कि पांच तिमाहियों की गिरावट के बाद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में जुलाई-सितंबर तिमाही में वापस सुधार हुआ है। यह 6.3% के स्तर पर रही है। साथ ही नयी जीएसटी व्यवस्था के साथ कारोबार का समायोजन और विनिर्माण क्षेत्र के सुधरने से भी अर्थव्यवस्था में थोड़ी रौनक नजर आयी है।
वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर तीन वर्ष के न्यूनतम स्तर 5.7% पर आ गई थी। जेटली ने कहा कि जीएसटी ने व्यापारियों के लिए कर अनुपालन के बोझ को भी कम किया है। अब व्यापारी को नयी प्रणाली में कई तरह के कर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है। कर दरों को भी तर्कसंगत बनाया गया है। अब किसी व्यापारी को कर निरीक्षकों से उलझने की जरुरत नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल नवंबर में लिए गए नोटबंदी के फैसले का असर सिर्फ एक-दो तिमाही में ही रहा। जबकि जीएसटी का असर एक तिमाही में ही रहा है। जीएसटी और नोटबंदी जैसे ढांचागत सुधारों का अर्थव्यवस्था को मध्यम एवं दीर्घवधि में लाभ होगा।