Guinness Book of World Records, 260 devotees modern artificial limbs (feet)

भरूच. दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने गुजरात के भरूच में 7वां गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने आज यहां “दीनदयाल दिव्‍यांग पुनर्वास योजना (डीडीआरएस)” पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने मुख्‍य सम्‍बोधन में विस्‍तार से योजना के बारे में जानकारी दी। सम्मेलन का आयोजन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्‍ल्‍यूडी), ने किया गया था। सम्मेलन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री श्री रामदास अठावले, दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग में सचिव श्रीमती शकुंतला डोले गैमलिन, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और देशभर के लगभग 600 प्रतिनिधि शामिल हुए।

सम्मेलन का उद्देश्य योजना के हितधारकों अर्थात् कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियों (पीआईए), जिला स्तर और राज्य सरकार के अधिकारियों को संवेदनशील बनाना है। इससे पहले दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने देश के दक्षिणी, पश्चिमी, मध्य, पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों को कवर करते हुए तीन क्षेत्रीय सम्‍मेलन आयोजित किए थे। 22.12.2018 को सिकंदराबाद में, 17.01.2019 को मुंबई में और 18.02.2019 को कोलकाता में सम्‍मेलन का आयोजन किया था।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री गहलोत ने कहा कि “दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा भरूच, गुजरात में आठ घंटे में 260 दिव्‍यांगजनों को आधुनिक कृत्रिम अंग (पैर) लगाकर 7वां गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड” कायम किया गया। विभाग ने पहले ही अन्य श्रेणियों में छह विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। यह विभाग के साथ ही हमारे देश के सभी दिव्यांगजनों के लिए अत्‍यंत गर्व का क्षण है।

उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तहत भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) ने हाल ही में एक निदेशिका तैयार की है, जिसमें श्रवण बाधित दिव्यांगजनों के लिए 6000 शब्द हैं और 1700 से अधिक श्रवण बाधित बच्चों का कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी से इलाज किया गया है और उनमें से लगभग सभी अब सामान्य जीवन व्‍यतीत कर रहे हैं। विभाग ने देशभर के दिव्यांगजनों के सुगम आवगमन के लिए उन्‍हें ‘मोटर वाली ट्राइसाइकिल’ प्रदान भी की और परिवहन विभाग उनकी मदद कर रहा है। उन्होंने घोषणा की कि अब तक 28 राज्यों ने लगभग 13 लाख दिव्यांगजनों को ‘यूनिवर्सल आईडी कार्ड’ प्रदान किए हैं और बहुत जल्द यह देश के सभी दिव्यांगजनों को प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने देश के दिव्यांगजनों और वंचित लोगों की बेहतरी और कल्याण के लिए विभाग तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा की गई कई नई पहलों और उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी।

LEAVE A REPLY