नयी दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विश्वासपात्र और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि वाले विजय रुपाणी दूसरे कार्यकाल के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री होंगे , भाजपा विधायक दल ने उन्हें सर्वसम्मति से अपना नेता चुना है। वर्तमान उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल भी भाजपा विधायक दल के उपनेता चुने जाने के बाद अपने पद पर बने रहेंगे। दोनों यहां केंद्रीय पर्यवेक्षकों केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और पार्टी महासचिव सरोज पांडे की उपस्थिति में पार्टी विधायकों की बैठक में निर्विरोध निर्वाचित हुए।
जेटली ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘रुपाणी को प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता और नितिन पटेल को उपनेता चुनने का प्रस्ताव पारित किया गया।’’ वैसे भाजपा ने इस अहम पश्चिमी राज्य में लगातार छठी बार सत्ता बरकरार रखी है लेकिन प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से महज मामूली अंतर से पार्टी की जीत के चलते रुपाणी के अपने पद पर बने रहने के बारे में तमाम तरह की अटकलें लगने लगी थीं। भाजपा ने 182 सदस्यीय विधानसभा में 99 सीटें जीती हैं और 1995 के बाद से पहली बार उसकी सीटें सौ के नीचे गयी हैं। उसकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ने पिछले कई सालों में पहली बार सबसे अच्छा प्रदर्शन किया एवं 77 सीटें जीतीं ।
विधायक दल के नेता के चुनाव में शीर्ष पार्टी नेतृत्व के साथ नजदीकी, स्वच्छ एवं जातीय रुप से तटस्थ छवि रुपाणी के पक्ष में गये। जेटली ने कहा कि भाजपा महासचिव सरोज पांडे समेत केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने विधायकों से विधायक दल के नेता और उपनेता के लिए नाम पूछे । उनमें से एक भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा ने इन पदों के लिए क्रमश: रुपाणी एवं पटेल के नाम सुझाए। पांच अन्य ने चूड़ासमा के प्रस्ताव का समर्थन किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने विधायकों से इन शीर्ष पदों के लिए और नाम मांगे लेकिन किसी ने कोई और नाम नहीं सुझाए। रुपाणी और पटेल क्रमश: पार्टी विधायक दल के नेता एवं उपनेता घोषित किये गये।
जब जेटली से पूछा गया कि इस बात पर संशय क्यों था कि कौन अगला मुख्यमंत्री होगा तो उन्होंने कहा कि यह मीडिया की देन है। उन्होंने कहा कि रुपाणी नयी सरकार बनाने से पहले निर्वाचित विधायकों से परामर्श करेंगे। वह राज्यपाल ओ पी कोहली से मिलेंगे एवं शपथ ग्रहण की तारीख तय करेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नयी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को शपथ ले सकती है। वैसे इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
रुपानी को पिछले साल अगस्त में उनकी पूर्ववर्ती आनंदीबेन पटेल के हटने के बाद मुख्यमंत्री बनाया गया था। आनंदीबेन पटेल ने उना घटना के बाद बढ़ते दलित असंतोष, पाटीदार आरक्षण आंदोलन के आलोक में इस्तीफा दिया था। कांग्रेस से मिली कठोर चुनौती, सत्ताविरोधी लहर, कृषि संकट, नोटबंदी और जीएसी से उत्पन्न नाराजगी से सफलतापूर्वक पार पा चुके रुपाणी को तब अपनी राजनीतिक ताकत एवं चातुर्य प्रदशित करना होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 में दूसरी बार सत्तासीन होने की कोशिश करेंगे। मोदी उनसे उम्मीद करेंगे कि वह गुजरात भाजपा की झोली में डालें।
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद रुपानी ने कहा कि वैसे तो गुजरात में 49 फीसद मत प्रतिशत बड़ी उपलब्धि है लेकिन अमरेली, गिर-सोमनाथ और मोरबी जैसे जिलों में अपनी हार का पार्टी विश्लेषण करेगी । इन स्थानों पर भाजपा ज्यादातर सीटें हार गयी। नितिन पटेल ने कहा कि सरकार अपना विकास एजेंडा आगे ले जाएगी। यहां गुजरात की राजधानी में भाजपा विधायक दल की बैठक शुरु होने से पहले निर्दलीय विधायक रतन सिंह राठौर ने सत्तारुढ़ दल के प्रति अपने समर्थन की घोषणा की। इसी के साथ अब 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 100 विधायक हो गये हैं।