लखनऊ। रिहाई मंच ने सूरत पुलिस द्वारा संभल निवासी मोहम्मद उस्मान के कथित तौर पर अलकायदा से संबन्ध रखने के मामले में संभल में छापेमारी को यूपी चुनाव में भाजपा द्वारा आतंकवाद के बहाने सांप्रदायिक व खुफिया एजेंसियों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा कि जब खुद सूरत पुलिस कह रही है कि अलकायदा से संबन्ध रखने के नाम पर दीपासराय, संभल से पकड़े जफर मसूद ने उनसे नवंबर 2016 में यह बताया था कि 2003 में अहमदाबाद के पासपोर्ट आॅफिस से उनके साथ दीपासराय निवासी मोहम्मद उस्मान ने भी पासपोर्ट बनावाया था तब सूरत पुलिस को 4 महीने बाद उसकी जांच की याद क्यों आई। अगर पुलिस आतंकवाद को लेकर इतनी ही मुस्तैद थी तो उसी वक्त मोहम्द उस्मान से जुड़ी जानकारी क्यों नहीं इकट्ठी की। उन्होंने कहा कि क्या गुजरात पुलिस विधानसभा चुनावों का इंतजार कर रही थी कि जब भाजपा की स्थिति बुरी हो जाएगी तो इस मुद्दे के सहारे वो भाजपा की डूबती नाव को पार लगाएगी। रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा कि पिछले दिनों जेएनयू से गायब नजीब के घर पर पुलिस ने छापा मारा और जिस तरह से संभल में छापेमारी की जा रही है वह मुस्लिम युवाओं को धमकाने-डराने की एक और कोशिश है।