जिग्नेश ने आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इस बार गुजरात विधानसभा का चुनाव बेहद ऐतिहासिक एवं निर्णायक साबित होने जा रहा है। प्रगतिशील एवं लोकतांत्रिक ताकतों को साथ आकर इस चुनाव में भाजपा को उसी के ‘‘मैदान’’ में हराना है।’’ उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव में भाजपा को हराने के बाद ही 2019 में भाजपा को सत्ता से बाहर रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा जिस गुजरात मॉडल और ‘‘वाइब्रेंट गुजरात’’ की चर्चा करती है, वहां 25 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं, 50 प्रतिशत आदिवासी क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है तथा 50 हजार दलित मैला उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ किसी भी स्थान और किसी भी समय बहस करने के लिए तैयार हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस से हाथ मिलायेंगे या कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच साझा करेंगे, जिग्नेश ने कहा, ‘‘हम किसी भी राजनीतिक दल के साथ मंच साझा नहीं करेंगे। भले ही वह कांग्रेस ही क्यों न हो।’’ उन्होंने कहा कि आगामी छह दिसंबर को बाबा साहेब अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर अहमदाबाद में वह एक सभा करेंगे जिसमें दलित, पाटीदार एवं अन्य वर्ग के नेता भाग लेंगे।
गुजरात में पाटीदारों को आरक्षण दिये जाने के फार्मूले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, ‘‘इस बारे में तो संविधान विशेषज्ञ और राजनीतिक दलों को तय करना है।’’ पटेलों को आरक्षण दिलाने की मांग कर रहे पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल की एक विवादास्पद सीडी के बारे में पूछने पर जिग्नेश ने कहा, ‘‘भाजपा बुरी तरह से हताश और बौखला गयी है। यदि कोई दो वयस्क व्यक्ति आपसी सहमति से यौन संबंध बनाते हैं तो किसी भी व्यक्ति को उनके शयनकक्ष में घुसकर सीडी बनाने का अधिकार नहीं है। इस प्रकरण में उस महिला पर क्या बीती होगी, यह भी विचार करने वाली बात है।’’ उन्होंने दावा किया कि गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए ‘‘नाक का प्रश्न’’ बन गयी है और वह येन-केन-प्रकारेण इस चुनाव को जीतना चाहती है । इसीलिए वह सभी तरह के हथकण्डे अपना रही है । उन्होंने यह भी दावा किया कि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा 80 से अधिक सीट हासिल नहीं कर पायेगी।
नयी दिल्ली: गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान होने वाली सभाओं में कांग्रेस सहित किसी भी दल के साथ मंच साझा करने से आज साफ इंकार करते हुए कहा कि इस चुनावों में भाजपा को हराना ही उनका मुख्य लक्ष्य है। पाटीदारों को आरक्षण दिये जाने के फार्मूले के बारे में उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोलते हुए कहा कि इस बारे में संविधान विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों को तय करना है।