जयपुर। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत किसानों को जयपुर महानगर क्षेत्र में महापड़ाव के लिए अनुमति प्रदान नहीं की गई है। कटारिया ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाये गये मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन संख्या 8419/16 में 4 जुलाई 2017 को जारी अंतरिम आदेश के तहत प्रशासन को जयपुर महानगर क्षेत्र में कार्य दिवसों के दौरान घनी आबादी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की रैली, जुलूस, विरोध प्रदर्शन नहीं किया जाना सुनिश्चित करने के लिए पाबंद किया गया था।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा 8 दिसम्बर 2017 को संशोधन आदेश में अपवाद स्वरूप राजनैतिक एवं अन्य रैलियों के लिए दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे तक छूट प्रदान की गई।
उन्होंने बताया कि 17 फरवरी 2017 को अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा महापड़ाव हेतु अनुमति के लिए आवेदन किया गया, जिसमें समय-सीमा एवं स्थान का कोई उल्लेख नहीं था। चूंकि महापड़ाव इस सीमित घण्टों की अवधि में संभव नहीं हो सकता, अतः इसके लिए अनुमति प्रदान नहीं की गई। गृहमंत्री ने कहा कि 20 फरवरी को महापड़ाव के लिए आने वाले लोगों की समझाइश भी की गई थी। उन्होंने बताया कि अब तक 179 लोगों को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है, जिनमें से 17 ने जमानत ले ली हैै। इसके अतिरिक्त लगभग 2000 लोगों व 50 गाड़ियों को रास्ते में रोका गया है।