जयपुर। हिन्दुवादी छवि के चर्चित विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। आहूजा ने आज भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। यहीं नहीं आहूजा ने बड़ा ऐलान करते हुए जयपुर की सांगानेर सीट से निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। आहूजा के इस ऐलान से भाजपा सकते में आ गई है। आहूजा के निर्दलीय चुनाव लडऩे से भाजपा को नुकसान हो सकता है। इस सीट पर साठ हजार से अधिक सिंधी और पंजाबी समुदाय के वोटर है। आहूजा के चुनाव में उतरने से यह वोट बैंक आहूजा की तरफ जा सकता है और इससे भाजपा को नुकसान झेलना पड़ सकता है। यहीं नहीं आहूजा के इस फैसले से भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी को बड़ा फायदा हो सकता है। सिंधी-पंजाबी वोट बैंक भाजपा का है। ऐसे में आहूजा के चुनाव में उतरने से भाजपा प्रत्याशी को नुकसान तो घनश्याम तिवाड़ी के साथ कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेन्द्र भारद्वाज को भी इसका फायदा मिलेगा। आहूजा के चुनाव की घोषणा से सांगानेर में चतुष्कोणीय मुकाबला हो गया है।
फिलहाल भाजपा की ओर से अभी तक टिकट की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन आज रात को इसकी घोषणा हो सकती है। मेयर अशोक लाहोटी टिकट के प्रबल दावेदार है, साथ ही रवीन्द्र शर्मा, पार्षद विष्णु लाठा, पूर्व डीजीपी ओमेन्द्र भारद्वाज, अखिल शुक्ला, जितेन्द्र श्रीमाली, प्रणवेन्द्र शर्मा आदि भी टिकट की कतार में है। गौरतलब है कि विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले ज्ञानदेव आहूजा टिकट नहीं मिलने से खासे नाराज है। आहूजा ने अलवर लोकसभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जसवंत यादव की हार पर सीएम वसुंधरा राजे पर तंज कसा था, जिसके बाद से उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग उठी थी, लेकिन संघ के दबाव में ऐसा नहीं हो पाया। विधानसभा चुनाव में जरुर आहूजा टिकट पा नहीं सके। इसके लिए आहूजा सीएम वसुंधरा राजे को जिम्मेदार ठहराते हैं।