नयी दिल्ली। वाहन चालकों के एक सर्वेक्षण में 50 प्रतिशत दृष्टिदोष से पीड़ित पाये गये हैं। यह भारत जैसे देश में खतरनाक स्थिति है क्योंकि कुल वैश्विक दुर्घटनाओं का करीब 11 प्रतिशत यहीं होता है। यह सर्वेक्षण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने किया है।
परिवहन एवं राजमार्ग सचिव युद्धवीर सिंह मलिक ने कहा, ‘‘एनएचएआई ने अपने टोल प्लाजा पर तीन दिवसीय नेत्र जांच शिविर लगाया। इनमें 6000 वाहन चालकों का पंजीयन हुआ। इनमें से तीन हजार चालकों को चश्मे वितरित किये गये।’’ उन्होंने कल आयोजित ‘सुरक्षित सड़क, सुरक्षित जीवन’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘आप हैरान रह जाएंगे कि इनमें से एक हजार लोगों को दो प्लस के चश्मे दिये गये, पर वे अभी तक बिना चश्मे के वाहन चला रहे थे।’’ मलिक ने कहा, भारत अकेला ऐसा देश है जहां कुछ साल पहले तक लोगों को प्राधिकरण गये बिना भी लाइसेंस मिल जाता था। ब्रिटेन जैसे देशों में यह काफी कठिन प्रक्रिया है और लाइसेंस मिलने पर लोग कॉलेज से पास होने जैसा जश्न मनाते हैं।