राजभवन में त्रिदिवसीय हनुमंत चरित्र कथा राष्ट्र के समृद्ध होने की कामना के साथ सम्पन्न
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र की पहल पर राजभवन में त्रिदिवसीय हनुमंत चरित्र कथा का समापन राष्ट्र व प्रदेश के समद्ध होने की कामना के साथ सम्पन्न हुआ। कथावाचक अनुराग कृष्ण पाठक ने बताया कि नाम, रूप लीला और धाम चार बिन्दुओं पर हनुमान चालीसा आधारित है। यही चार बिन्दु समाज में सद्भाव और सौहार्द््र के वातावरण निर्माण के लिए जरूरी है। हमारी मति सद् होनी चाहिए, तब ही सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति हो सकती है।
हनुमान चालीसा की चालीस चौपाईयों मे मानव जीवन का सार है। मन की शांति और धैर्य से सेवा करने के लिए तप करना आवश्यक होता है। तीसरे दिन की कथा में विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता गुलाब चन्द कटारिया, जयपुर नगर निगम के मेयर विष्णु लाटा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण, विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, शहर के मंदिरों के महन्त सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे।