नई दिल्ली। लगता है कांग्रेस ने अब अपने संगठन को कसना शुरु कर दिया है और आगामी चुनावों को देखते हुए अपनी रणनीति बनाने की तैयारियां शुरु कर दी है। जिस तरह 2014 के चुनावों में मोदी की आंधी ने कांग्रेस को बूरी तरह से हार का मुंह दिखाया था। कांग्रेस उससे अभी भी उबर नहीं सकी है। इसके लिए कांग्रेस को काफी मेहनत करनी होगी। जमीनी हकीकत टटोलनी होगी, कार्यकर्ताओं में विश्वास जगाना होगा। मजबूती के साथ धरातल पर आकर अपनी बात जनता के सामने रखनी होगी। जिससे जनता का भरोसा जीता जा सके। इसके लिए कांग्रेस को शीर्ष संगठन और राज्य में कांग्रेस के संंगठनों में भी फेरबदल करना पड़ सकता है। इसी कड़ी में कांग्रेस आलाकमान ने हरियाणा में नए फामूर्ले के साथ आगे बढ़ने की तैयारी की है।
बीजेपी ही नहीं बल्कि कांग्रेस भी हरियाणा में जाट नेतृत्व से परहेज कर रही है। कांग्रेस ने राज्य में पार्टी की कमान एक दलित के हाथों से लेकर दूसरे दलित को सौंपने की योजना बनाई है। माना जा रहा है कि जल्द ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को पद से हटाकर उनकी जगह कुमारी शैलजा को प्रदेश में पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बीच काफी समय से वर्चस्व की जंग चल रही है। हुड्डा इस बात पर अड़े थे कि राज्य में पार्टी की कमान अशोक तंवर से लेकर उनके गुट के किसी सदस्य को सौंपी जाए। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हुड्डा की तंवर को हटाने की मांग पर तो राजी है, लेकिन पार्टी की कमान उनके खेमें के किसी सदस्य को दिए जाने के खिलाफ है.। इसके बाद हुड्डा भी पीछे हटने को तैयार हो गए हैं। अब वो अशोक तंवर की जगह किसी को भी नया अध्यक्ष बना देने पर राजी हैं।
पार्टी ने ऐसे में राज्य की दलित महिला नेता कुमारी शैलजा को पार्टी की कमान देने की योजना बनाई है, जिस पर हुड्डा राजी हो गए हैं। हाल ही में हुई बैठक में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव कमलनाथ ने हुड्डा समेत राज्य के कई सीनियर नेताओं के साथ बातचीत की थी। इसमें तंवर की जगह कुमारी शैलजा को लाने पर सहमति बनी। अशोक तंवर के साथ हरियाणा विधानसभा में विपक्ष की नेता किरण चौधरी की भी छुट्टी तय मानी जा रही है और उनकी जगह हुड्डा खेमे के किसी सदस्य को प्रतिपक्ष का नेता बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि भूपिंदर सिंह हुड्डा जाट समाज से आते हैं और राज्य में जाट मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। राज्य में जाट के बाद दूसरी सबसे बड़ी आबादी दलितों की है। कांग्रेस अशोक तंवर को हटाकर हुड्डा खेमे के किसी सदस्य को देती तो इसका दलितों में संदेश गलत जाता। इसी वजह से कांग्रेस नए फामूर्ले के साथ आगे बढ़ रही है, ताकि जाट के साथ-साथ दलित भी नाराज न हो सकें।