High Court

– हाईकोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए राज्य सरकार मुख्यमंत्री जनकल्याण शिविरों पर लगा सकती है रोक
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के मास्टर प्लान को लेकर दिए गए ऐतिहासिक फैसले की पालना रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं करना राजस्थान सरकार को भारी पड़ गया। कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए 29 मई तक पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर मुख्य सचिव, यूडीएच सेक्रेटरी और दूसरे अफसरों को व्यक्तिश: पेश होने को कहा है। राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 जनवरी को मास्टर प्लान के संबंध में फैसला सुनाते हुए राजस्थान सरकार को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसकी पालना रिपोर्ट 22 मई तक पेश करने को कहा था। वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश अरुण भंसाली की खण्डपीठ में सोमवार को इस मामले में सुनवाई हुई। सरकार ने कोर्ट आदेश के बाद भी पालना रिपोर्ट पेश नहीं की। याचिकाकर्ता गुलाब चंद कोठारी, पूनम चंद भण्डारी, अभिनव भण्डारी, एम.एस.सिंघवी ने कोर्ट में बताया कि सरकार जानबूझकर कोर्ट आदेश की पालना नहीं कर रही है, बल्कि आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए सरकारी भूमि पर बसी कॉलोनियों, अवैध निर्माणों को नियमित करने के लिए मुख्यमंत्री जनकल्याण शिविर अभियान चलाया जा रहा है। जेडीए और यूडीएच ने हाल ही नए आदेश निकालकर अवैध निर्माणों को नियमन करने के फैसले किए हैं, जिससे मास्टर प्लान को नुकसान पहुंचना तय है। यह कोर्ट के आदेश की अवहेलना भी है। सरकार और यूडीएच कोर्ट के आदेश की पालना नहीं कर रही है। उलटे अवैध निर्माणों को नियमन के आदेश निकाल हाईकोर्ट आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। मास्टर प्लान को छेड़छाड़ करने वाले यूडीएच व जेडीए के आदेशों पर रोक लगाई जाए। साथ ही कोर्ट आदेश की पालना नहीं करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाए। कोर्ट न्यायाधीश संगीत लोढा और अरुण भंसाली ने पालना रिपोर्ट पेश नहीं करने पर सरकार को फटकारा, साथ ही 29 मई तक पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर अफसरों को कोर्ट में हाजिर होने को कहा है। उधर, कोर्ट के सख्त रुख से प्रदेश में चल रहे मुख्यमंत्री जनकल्याण शिविरों पर आंच आ सकती है। मास्टर प्लान की धज्जियां उड़ाते हुए सरकार अवैध निर्माणों, सरकारी, वन, गोचर जमीन पर बसी कॉलोनियों को भी नियमित करने के लिए कई आदेश निकाले हैं। इन आदेशों पर रोक लग सकती है। इन आदेशों के जरिये शिविरों में पट्टा दिए जाने के कार्य हो रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश की समीक्षा के लिए सोमवार को विधि विभाग, यूडीएच के आला अफसरों की बैठक होगी। इस बैठक में शिविरों को आगे जारी रखने या नहीं रखने का फैसला तय होगा, साथ ही पट्टा वितरण पर रोक लगाकर दूसरे कार्यों को मंजूरी दी जा सकती है।

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