नई दिल्ली। सरकार ने सेंट्रल दिल्ली स्थित हेरल्ड हाउस बिल्डिंग को अब अपने नियंत्रण में लेने का फैसला किया है। यह बिल्डिंग कांग्रेस पार्टी के मुखपत्र ‘नैशनल हेरल्ड’ से संबंधित है। सूत्रों ने बताया है कि यह प्लॉट नैशनल हेरल्ड अखबार की प्रिटिंग के लिए आवंटित किया गया था लेकिन इसका इस्तेमाल किसी भी प्रकार की प्रिंटिंग के लिए नहीं हुआ। उनका यह भी कहना है कि बिल्डिंग का ज्यादातर हिस्सा किराए पर दिया गया है।
70 सालो से एक ही परिवार का राज रहा है इश्स देश में चमचे एह क्यूं नही समझे की यही परिवार एह नही चाहता की गरीबी हटे शिक्षा बढे रोजगार बढे। सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स आॅफ इंडिया को बताया कि आवंटन को रद्द करने से संबंधित कानूनी आदेश अलॉटी को भेज दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा, ‘इस मामले में सभी तय प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। नियमों का पालन करने के बाद (जिसमें ग्राउंड सर्वे और हमारे नोटिस पर आया जवाब शामिल है) आॅर्डर पास किया गया है।’
सूत्रों का कहना है कि अगर परिसर का इस्तेमाल प्रिंटिंग प्रेस के लिए नहीं हुआ, जो जमीन को मामूली रेट पर पब्लिशर को लीज पर देने की प्राथमिक शर्त थी, तो इसका मतलब यह है कि आवंटित जमीन का दुरुपयोग किया गया। ऐसे में अथॉरिटी के पास यह अधिकार है कि वह इसे वापस ले ले। जांच टीम ने भी पाया था कि बिल्डिंग में अवैध निर्माण हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि पास के इलाके में ऐसा ही उल्लंघन दूसरे परिसरों में भी हुआ है और आधिकारिक अलॉटीज को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है।