नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने निजी एवं सरकारी विद्यालयों में प्रवेश स्तर की कक्षाओं में दाखिले के ऑनलाइन तरीके को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर आज दिल्ली सरकार का जवाब मांगा।
निजी विद्यालयों से जुड़ी याचिका में आर्थिक रुप से कमजोर और वंचित समूह के लिए प्रवेश स्तर की कक्षाओं में ऑनलाइन दाखिले को चुनौती दी गयी है। सरकारी विद्यालयों से जुड़ी एक अन्य याचिका में याचिकाकर्ता ने सर्वोदय विद्यालयों में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा में ऑनलाइन दाखिला संबंधी सरकारी अधिसूचना को चुनौती दी है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने एनजीओ ‘जस्टिस फॅार ऑल’ की इन दोनों याचिकाओं पर सरकार से जवाब तलब किया है। पीठ ने सरकार से पूरा ब्योरा मांगा है जिसमें आर्थिक रुप से कमजोर श्रेणी के तहत निजी विद्यालयों में दाखिले का ब्यौरा मांगा है जिसमें आवेदनों की संख्या और ऑनलाइन प्रक्रिया की मौजूदा स्थिति शामिल है । याचिकाकर्ता ने कहा कि ऑनलाइन प्रणाली में कई खामियां हैं जिन्हें दूर की जाए। कई सीटें खाली हैं लेकिन ऑनलाइन प्रणाली की वजह से बच्चों का दाखिला नहीं मिल सकता।