जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने बगरू स्थित अठमोरिया की ढ़ाणी में याचिकाकर्ताओं के निर्माण न तोडऩे के लिए जेडीए का पाबंद किया है। हालांकि अदालत ने खाली पड़ी भूमि को जेडीए को अपने कब्जे में लेने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अदालत ने मुख्य सचिव, जेडीए सचिव और जेडीए के प्रवर्तन अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश कानाराम जोगी व 10 अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता अठमोरिया की ढ़ाणी में रहते हैं। जहां उनके पास बिजली का स्थाई कनेक्शन है, लेकिन जमीन के पट्टे नहीं है। याचिका में कहा गया कि हाल ही में जेडीए ने याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी कर बेदखली की कार्रवाई आरंभ की है। जबकि याचिकाकर्ता गरीब तबके के हैं। याचिकाकर्ताओं के पास रोजी-रोटी का साधन नहीं है और ना ही रहने का कोई ठिकाना है। राज्य सरकार और जेडीए की ओर से पूर्व में लोगों का पुनर्वास किया गया है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं को बेदखल करने से पूर्व उनका पुनर्वास किया जाए।
जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के निर्माण तोडने पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।