नयी दिल्ली: और मदिल्ली उच्च न्यायालय ने आज अधीनस्थ अदालतों में महिला न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा पर गंभीर चिंता जताईहानगर की सरकार से कहा कि उनके लिए कार पूलिंग के बजाए अलग से वाहन मुहैया कराने पर विचार करे। उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी तब की जब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल को एक महिला न्यायिक अधिकारी के साथ आज हुई घटना के बारे में बताया गया। उन्हें बताया गया कि पूल कैब के चालक ने पूर्वी दिल्ली के कड़कड़डूमा अदालत की तरफ जाने के बजाए उत्तरप्रदेश के हापुड़ की तरफ कार मोड़ ली।
उच्च न्यायालय के महापंजीयक दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि घटना तब हुई जब महिला न्यायाधीश मध्य दिल्ली के राजेन्द्र नगर से कड़कड़डूमा अदालत की तरफ जा रही थीं और चालक ने मार्ग बदल दिया। उन्होंने कहा कि जब महिला अधिकारी को आभास हुआ कि उन्हें कहीं और ले जाया जा रहा है तो उन्होंने विरोध किया और चिल्लाने लगीं जिसके बाद वाहन रूका। कैब चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। न्यायपालिका निजी वाहनों को किराये पर निविदा के माध्यम से लेती है और दिल्ली सरकार उसका भुगतान करती है।
घटना को तुरंत न्यायमूर्ति मित्तल के संज्ञान में लाया गया जिन्होंने न्यायाधीशों की सुरक्षा पर चिंता जताई और सरकार के प्रतिनिधियों से बात करते हुए उन्होंने न्यायाधीशों को अलग कार मुहैया कराने पर विचार करने के लिए कहा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने सरकार से कहा कि मुद्दे को बड़े परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटना फिर नहीं हो।