दिल्ली. भ्रष्टाचार और पार्टी तानाशाही के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले तिमारपुर के विधायक पंकज पुष्कर ने लगातार मिल रही जानलेवा धमकियों के कारण उच्च न्यायालय का रूख किया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में पंकज पुष्कर ने बताया है कि उन्हें एक महीने से सार्वजनिक तौर पर और सोशल मीडिया पर गंभीर धमकियां मिल रही हैं। पुष्कर ने परिवार और अपनी जान को गंभीर खतरा बताते हुए दस जुलाई को पुलिस थाने को सबूतों के साथ शिकायत दर्ज की और पुलिस उपायुक्त से मिले। कोई कार्यवाही न होने पर पुष्कर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष और प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण से मिले। स्पीकर, विधान-सभा और प्रशांत भूषण ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को मामले पर त्वरित कार्यवाही के लिए पत्र लिखे। इसके बाद भी कोई कार्यवाही न होने और लगातार धमकियों की स्थिति में पुष्कर उच्च न्यायालय पहुंचे। न्यायालय ने पुलिस को आदेश दिया है कि पुष्कर और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और मामले पर पूरी जांच कर एक स्टेटस रिपोर्ट जमा की जाए।
उच्च न्यायालय में दायर याचिका में पेश किए गए सबूतों के अनुसार पुष्कर और उनके परिवार को तिमारपुर विधान सभा क्षेत्र में ही खुली हिंसा की धमकियां मिल रही हैं। ये जानलेवा धमकियां ‘ हिन्दू पक्ष’, ‘ आम आदमी पार्टी’, और ‘ मित्र योग संगम पत्रिका’ नामक वर्डसेप समूह के जरिए तथा पंकज के निजी फोन पर दी गई। ये धमकियां आडियो और टेक्सट मेसेज के माध्यम से भेजी गई हैं. पुष्कर ने बताया कि सांप्रदायिक और नस्लीय आधार पर हिंसा भड़काने वाली ये धमकियां इतनी आपतिजनक हैं कि इन्हें मीडिया में देना भी उचित नहीं होगा। पुष्कर ने यह भी बताया कि उनके परिवार की सुरक्षा से जुड़ी निजी सूचनाओं को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया और पूरे इलाके में पोस्टर लगाया गया। उनके खिलाफ झूठी बातें फैला कर भीड़ हिंसा की भूमिका बनाई जा रही है. उच्च न्यायालय में प्रशांत भूषण ने पूछा कि बम बनाने के लिए उकसाने और धर्म के आधार पर हिंसा फैलाने जैसे मेसेज भेजने जैसे गंभीर गैरजमानती अपराध के बाद भी दोषी को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है। भूषण ने न्यायालय से स्वतंत्र जांच एजेंसी नियुक्त करने की मांग भी की। उच्च न्यायालय ने पुलिस को पुष्कर को सुरक्षा मुहैया कराने और पूरी जांच करके स्टेटस रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया. उल्लेखनीय है कि पुष्कर अपने क्षेत्र में राशन माफिया, भू-माफिया, बिल्डर माफिया के खिलाफ अपने अभियान के लिए जाने जाते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने कड़े रूख के कारण पुष्कर पहले भी विरोधियों के निशाने पर रहे हैं। पुष्कर ने कहा कि उन्हें कानून और न्याय- व्यवस्था पर पूरा विश्वास है और वे तमाम खतरों के बीच भी ईमानदारी और अमन की राजनीति का अपना अभियान जारी रखेंगे।