जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट ने बिजली बिल के लिए फोटो बिलिंग सिस्टम के स्थान पर स्पॉट बिलिंग सिस्टम लागू करने के जयपुर विद्युत वितरण निगम के फैसले को रद्द कर दिया है। न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश वीके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश तरुण टांक की ओर से दायर जनहित याचिका को मंजूर करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि इस संबंध में जेवीवीएनएल की ओर से कोई प्रशासनिक आदेश जारी नहीं हुआ है।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर ने अदालत को बताया कि फोटो बिलिंग सिस्टम में पिछले माह के मीटर की फोटो से बिजली खपत का सत्यापन को हो जाता था। इससे पहले वर्ष 2007 में स्पॉट बिलिंग सिस्टम लागू किया गया था, लेकिन उपभोक्ताओं की शिकायत पर इस सिस्टम को समाप्त कर फोटो बिलिंग सिस्टम लागू किया गया था। इसके बावजूद अब जेवीवीएनएल बिना किसी कारण पुन: स्पॉट बिलिंग सिस्ट को लागू कर रहा है, जबकि पूर्व में वह इसमें गडबड मानकर समाप्त कर चुका है। जेवीवीएनएल टेंडर जारी कर यह व्यवस्था लागू करने का प्रावधान किया, लेकिन इस संबंध में कोई प्रशासनिक आदेश जारी नहीं किया है। जिससे बिलिंग सिस्टम बदलने का औचित्य साबित होता हो। ऐसे में यह मनमाना और एक कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने वाला व आम उपभोक्ता के हितों के खिलाफ लिया गया निर्णय है।