jayapur nagar nigam

जयपुर। नगर निगम के अफसरों की मिलीभगत से अवैध निर्माण में लगे भू-कारोबारियों के हौंसले इतने बुलंद है कि वे मंदिर की जमीनों को नहीं छोड़ रहे हैं। इन पर अतिक्रमण करके अवैध कॉमर्शियल इमारतें खड़ी कर रहे हैं। नगर निगम के महापौर, निगम आयुक्त, जोन उपायुक्त और विजीलैंस उपायुक्त को लिखित और मौखिक शिकायतें करने पर भी अतिक्रमण नहीं रुक रहे हैं, बल्कि अफसरों की मिलीभगत से अवैध निर्माणों में बढ़ोतरी हो रही है।

ऐसे ही एक मामले में हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए परकोटे के भीतर वाणिज्यिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है। साथ ही अदालत ने नगर निगम सीईओ और हवामहल जोन पश्चिम के उपायुक्त को चार जून को पेश होने के आदेश दिए हैं। अदालत ने दोनों अफसरों से शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि चारदीवारी के आवासीय क्षेत्र में बहुमंजिला व्यावसायिक भवन के निर्माण की अनुमति कैसे दी गई। वहीं अदालत ने स्वायत्त शासन निदेशक, निगम सीईओ ओर हवामहल जोन पश्चिम के उपायुक्त सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश गणगौरी बाजार निवासी एडवोकेट संजीव शर्मा की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में एडवोकेट संजीव शर्मा ने बताया कि उसका गणगौरी बाजार में पीढियों पुराना ठाकुर रणछोड जी का मंदिर है, जिसका स्वामित्व याचिकाकर्ता के पास है। मंदिर के पास व्यवसायी सुरेन्द्र नागपाल ने आवासीय निर्माण की अनुमति लेकर तीन मंजिला व्यावसायिक निर्माण कर लिया। यहीं नहीं मंदिर की दीवार पर भी कब्जा कर लिया, जबकि निर्माण की अनुमति इस शर्त पर दी गई थी कि यदि व्यावसायिक निर्माण किया गया तो अनुमति स्वत: रद्द हो जाएगी। याचिका में कहा गया कि निगम की ओर से याचिकाकर्ता को कई बार नोटिस दिए, लेकिन निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने चारदीवारी में वाणिज्यिक भवनों के निर्माण पर रोक लगाते हुए अफसरों को तलब किया है।

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