अब कैदी भर्ती के लिए मेडिकल बोर्ड करेगा अनुशंषा
जयपुर। जेल में कैदियों की मौत होने एवं जेल का अस्पताल मनमर्जी से बन्द करने एवं खुला रखने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश के एस झवेरी और न्यायाधीश वी के व्यास की खंडपीठ ने अस्पताल को 24 घंटे खुला रखने के आदेश दिए है। साथ ही हाईकोर्ट ने बीमार कैदियों को भर्ती करने के लिए मेडिकल बोर्ड की अनुशंषा को जरूरी कर दिया है। कैदियों की मौत के मामले में यह आदेश उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेकर पर सुनवाई करते हुए दिए। शाम छह बजे बाद जेल के अस्पताल में चिकित्सक नहीं रहता है। ऐसे में बीमार कैदी को कम्पांडर या दूसरे कैदी ही संभालते हैं। मामले में अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।
जेलों की सुरक्षा एवं कैदियों के कल्याण को लेकर भी हुई सुनवाई
जेलों की सुरक्षा एवं कैदियों के कल्याण को लेकर स्वप्रेरित दर्ज की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश के सी शर्मा की खंडपीठ ने गृह सचिव से पूछा है कि जेलों में लगाए जैमर अब तक कारगर क्यों नहीं हुए हैं और भविष्य में लगाने जाने 55 जैमर से क्या असर पडेगा। सरकार का कहना था कि 55 जेलों में और जेमर लगाए जाने हैं। वहीं नॉन आॅफिशियल विजिटर्स की नियुक्ति सात दिनों में कर दी जाएगी। 13 जेलों को छोडकर सभी में वीडियो कॉन्फेस की सुविधा आरंभ हो गई है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी।