जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जवाहर लाल नेहरु (जेएलएन मार्ग) से सटी कॉलोनी के नियमन को लेकर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मार्ग पर दो सौ फीट पट्टी पर नियमन नहीं हो सकता। इसके साथ ही नियमन की मांग को लेकर दायर याचिकाओं को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनीष भंडारी ने कहा, यह जमीन सरकार की है। नियमन की मांग अधिकार के तौर पर नहीं की जा सकती। यह सरकार का नीतिगत फैसला होता है, जो संस्थाओं को प्रदान किया जाता है।
संस्थाएं पर्याप्त आधार पर इनका नियमन कर सकती है और इनकार भी। याचिकाकर्ता विजय कुमार शर्मा व अन्य ने जेएलएनमार्ग पर एमएनआईटी के सामने एक गृह निर्माण सोसायटी से पट्टे लिए थे। वे इनके आधार पर नियमन की मांग रहे हैं। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जागीरदारी उन्मूलन कानून के तहत यह जमीन सरकार की है। सरकार इस जमीन का मुआवजा दे चुकी है। हाईकोर्ट ने ही जेएलएन रोड पर दो सौ फीट पट्टी को ंसंस्थानिक कार्य के लिए काम में लेने के आदेश दे रखे हैं। जमीन का मुआवजा देने के कारण सरकारी कोष की कीमत पर नियमन नहीं हो सकता।