जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में घटिया सामग्री की आपूर्ति की शिकायत की जांच के लिए विशिष्ट शासन सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो इन शिकायतों की जांच करेगी। उन्होंने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि आपूर्ति के समय समस्त वित्तीय प्रावधानों का ध्यान रखा गया और भारत सरकार के उपक्रम नेशनल टेक्सटाइल कॉर्पोरेशन द्वारा गद्दे, तकिये और चद्दरों की आपूर्ति की गई थी। राठौड़ शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का उत्तर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री की ओर से दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में रह रहे प्रत्येक विद्यार्थी पर प्रतिमाह 1750 रूपये खर्च किया जाता था वहीं मौजूदा सरकार ने इसे बढ़ाकर 2 हजार रूपये कर दिया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अगर किसी छात्रावास की सुविधाओं के सम्बंध में कोई शिकायत आती है, तो सम्बंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राठौड़ ने कहा कि जयपुर और कोटा के छात्रावासों में रह रहे विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने पर प्रति छात्र 49 हजार 500 रुपये प्रति वर्ष सहायता दी जा रही है, इस योजना का विस्तार करने पर विचार किया जा सकता है।
विधायक गोरधन के मूल प्रश्न के जवाब में राठौड़ ने कहा कि सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास की व्यवस्था की जाती है। सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, स्वच्छकार सहित, अनुसूचित जनजाति अन्य पिछडा वर्ग, विशेष पिछडा वर्ग आदि के छात्र छात्राओ के लिये छात्रावास की सुविधा दी जाती है। प्रदेश में विभाग द्वारा वर्तमान में 756 विद्यालय स्तरीय एवं 44 महाविद्यालय स्तरीय कुल 800 राजकीय एवं अनुदानित छात्रवास संचालित किये जा रहे हैं। उन्होंने इन छात्रवासो में गत चार वर्षा में आवासरत विद्यार्थियों का जिलेवार एवं वर्षवार विवरण सदन के पटल पर रखा। राठौड़ ने कहा कि विभाग द्वारा वर्तमान में सीकर जिले में पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर में महाविद्यालय स्तरीय छात्रवास खोले जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विभाग के स्तर पर विचाराधीन नही है। उक्त संबध में प्रस्ताव प्राप्त होने कि दशा में विभाग द्वारा प्रवृत्त नियमों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण उपरान्त आवश्यकता का आंकलन कर नियम संगत कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में संचालित अनुसूचित जाति, स्वच्छकार सहित, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग, विशेष पिछडा वर्ग आदि के छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिये निःशुल्क आवास, भोजन, वस्त्र, बर्तन, बिस्तर आदि निःशुल्क सुविधा प्रदान की जाती है, जिसके लिये प्रतिमाह प्रति विद्यार्थी 2000 रुपये की राशि नियत है। उन्होंने दी जाने वाली सुविधओं की मदवार जानकारी सदन के पटल पर रखी। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में आवासरत विद्यार्थियों को देय सुविधाओं का प्रावधान सम्पूर्ण राज्य के लिये एक समान है। अतः उसी अनुरूप जिलेवार सुविधाये प्रदान की जाती हैं, जिसका जिलेवार पृथक से वर्गीकरण नही होता है। उन्होंने बताया कि जयपुर एवं कोटा शहर के विभागीय राजकीय छात्रावासों में आवासरत प्रतिभावान विद्यार्थियों को मेडिकल, इंजीनियरिग प्रवेश परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिग प्रदान की जाती है। उन्होंने इसका जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा।