जयपुर। हाईप्रोफाईल सेक्स ब्लेकमेलिग के एक मामले में फरार चल रहे एक अभियुक्त राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार के वकील रहे अनिल यादव निवासी चित्रकूट-वैशाली नगर को जयपुर महानगर की सीएमएम कोर्ट ने भगौडा घोषित कर उसके स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिये। इससे पूर्व एसओजी की ओर से सिपाही अजय कुमार ने कोर्ट में सशपथ बयान दिया कि अदालत की ओर से जारी किये गये गिरफ्तारी वारंट की तामील कराने के लिए वह 5 सितम्बर को अभियुक्त अनिल यादव के घर गया, तो पत्नी प्रीती यादव मिली, जिसने पति अनिल यादव के यहां नहीं रहने की बात कहीं। 7 सितम्बर और 18 अक्टूबर को पुन: गया तो दोनों बार पिता शीशराम यादव मिला था एवं 3 अक्टूबर को घर जाने पर पत्नी प्रीती मिली। दोनों ने ही अनिल यादव के उपरोक्त मकान में नहीं रहने एवं कहां रहता है कि जानकारी नहीं होना बताया। एसओजी के जवान ने कोर्ट में यह भी कहा कि अभियुक्त फरार है और उसके मिलने की कोई संभावना भी नहीं है। इस पर सीएमएम अजय गोदारा ने अनिल यादव को फरार मानते हुए उसके स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिये।
एसओजी को अनिल यादव की नहीं मिली सम्पति:-
एसओजी थानाधिकारी रविन्द्र भूरिया की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अभियुक्त अनिल यादव के स्वामित्व की कोई चल-अचल सम्पति नहीं मिली है। नोटिस के जवाब में जेडीए के जोन-7 के उपायुक्त ने बताया कि मकान ई-2/34० चित्रकूट-वैशाली नगर, जयपुर उसके पिता शीशराम यादव के नाम से है। इसी तरह नगर निगम जयपुर के राजस्व उपायुक्त ने भी नोटिस के जवाब में अनिल यादव के नाम से कोई सम्पति होने की जानकारी होने से इंकार किया है। अनिल यादव के नाम से कोई चल-अचल सम्पति नहीं होने की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने धारा 82/83 (सम्पति कुर्की) की कार्यवाही उचित नहीं मानते हुए एसओजी के प्रार्थना पत्र को दाखिल दफ्तर कर दिया।